दुमका (DUMKA)  के चर्चित प्रेम प्रसंग में सोमवार को प्रेमी विवेक शाह की प्रेमिका के परिजनों द्वारा बेरहमी से पिटाई और इलाज के दौरान मौत के मामले में हर दिन नए राज खुल रहे हैं. आज हम आपको बता रहे हैं पुलिस की लापरवाही की एक और कहानी. दो थाना क्षेत्र के सीमा विवाद में एक नामजद आरोपी पुलिस के हाथ आने के बाद फरार हो गया.

क्या है मामला

दरअसल घटनास्थल मुफस्सिल थाना क्षेत्र का है लेकिन वह गांव मुफस्सिल और नगर थाना क्षेत्र का सीमावर्ती है. नगर थाना को सूचना मिली थी कि एक युवक की बेरहमी से पिटाई की जा रही है तो गस्ती पर तैनात नगर थाना की पुलिस बगैर सीमा को जाने स्थल पर पहुंच गई और वहां प्रेमिका के परिजनों के चंगुल से विवेक को छुड़ाकर फूलो झानो मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराई जबकि घटनास्थल से ही प्रेमिका के चाचा को पकड़ कर नगर थाना लायी. नगर थाना आने के बाद उसे पता चला चला कि घटना मुफस्सिल थाना का है तो नगर थाना की पुलिस आरोपी चाचा को लेकर मुफस्सिल थाना गई. यहां मुफस्सिल थाना ने लापरवाही के हर रंग दिखा दिए. पहले तो मुफस्सिल थाना ने उसे लेने से इनकार कर दिया. वरीय पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मुफस्सिल थाना ने आरोपी को स्वीकार तो किया लेकिन चंद घंटे बाद ही उसे छोड़ दिया. तर्क यह कि इस मामले में मुफस्सिल थाना में कोई लिखित आवेदन तक तक नहीं आया है. सवाल यह है कि अगर दुमका पुलिस नियम और कानून की इतनी ही पाबंद होती तो आज विवेक की मौत नहीं हुई होती, बल्कि वह सलाखों  के पीछे होता. जहां तक आवेदन का सवाल है, हैंड ओवर देने गई नगर थाना पुलिस ने भले मौखिक, पर सूचना तो जरूर दी होगी.  पुलिस की इन्हीं लापरवाहियों की वजह से आज विवेक के परिजन पुलिस पर कई तरह के गंभीर आरोप लगा रहे हैं.