पलामू (PALAMU) : झारखण्ड में चर्चित डालटनगंज शहर के यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर से गायब गहना मामला को लेकर पलामू एसपी चंदन सिन्हा ने प्रेसवार्ता किया. प्रेस वार्ता में एसपी ने बताया कि 7 लॉकर से गायब हुए गहने की पहचान कर ली गई है. सदर सीओ जेके मिश्रा और शहर थाना प्रभारी अरुण माहथा के नेतृत्व में कार्रवाई कर गहने को जब्त कर लिया गया है. आपको बता दे कि पूर्व में बैंक के प्रबंधक, स्टॉफ और इस कार्य मे संलिप्त सभी लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
हो रही आइडेंटिफिकेशन परेड
पलामू एसपी ने बताया कि पलामू पुलिस ने आइडेंटिफिकेशन परेड (टीआईपी) करवाना शुरू कर दिया है. पुलिस को बुधवार को कोर्ट से टीआईपी के लिए अनुमति मिली थी. जिसके बाद सदर अंचल अधिकारी की मौजूदगी में शनिवार को जब्त जेवरातों की टीआईपी करवायी गई. जिन उपभोक्ताओं के लॉकर से गहने गायब हो गए थे, उन्हें टीआईपी के लिए बुलाया गया. पुलिस टीआईपी की पूरी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी. उसके बाद कोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायिक अधिकारी की मौजूदगी में सभी के जेवरात वापस होंगे. इस दौरान पीड़ितों के जेवरात के कागजात प्रस्तुत करने होंगे और शपथ पत्र दायर करना होगा.
यह है मामला
बता दें कि यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (वर्तमान में पंजाब नेशनल बैंक का अंग) के डालटनगंज शाखा में लॉकर घोटाला हुआ था. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर से गायब जेवरातों को मुथूट फाइन कार्प और ICICI बैंक में गिरवी रखा गया था. सात लॉकर के साथ छेड़छाड़ कर लाखों की संपत्ति गायब कर दी गई थी. मामले का उद्भेदन करते हुए बैंक के मैनेजर और डिप्टी मैनेजर समेत 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है. पुलिस के मुताबिक लॉकर की डुप्लिकेट चाबी बनवा कर पलामू में लॉकर घोटाला को अंजाम दिया गया था. पूरे मामले में डिप्टी मैनेजर और बैंक के दैनिक भोगी कर्मचारी मुख्य आरोपी बनाए गए हैं. पुलिस के मुताबिक डिप्टी मैनेजर ने ही मुख्य आरोपी रिशु को जेवरात दिए थे. पलामू पुलिस लॉकर घोटाले के मुख्य आरोपी रिशु की पत्नी को भी आरोपी बना सकती है. फिलहाल रिशु पत्नी समेत फरार है.
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