कोडरमा (KODERMA) : मानवीयता, संवदेनशीलता तो छोड़िए पुलिस अपनी कर्मठता को भी ताक पर रखती नजर आती है. इसका एक ताजा उदाहरण कोडरमा जिले में देखने को मिला है.  दुष्कर्म और तीन महीने के मासूम की हत्या के संगीन मामला दर्ज होने के डेढ़ महीने  बाद भी पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. पीड़ित महिला थाने से लेकर एसपी कार्यालय तक इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

क्या है मामला

चंदवारा में करीब डेढ़ महीने पहले छह दबंग सुबह 3 बजे रमा देवी (बदला नाम) के घर पहुंचे और उनके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया और मारपीट भी की. लेकिन महिला के कड़े विरोध के कारण दबंग अपने मंसूबे में सफल नहीं हुए. तब दबंगों ने महिला की गोद से उसके तीन माह के मासूम बच्चे को छीन कर जमीन पर पटक दिया. इससे  मासूम  बच्चे की वहीं मौत हो गई. इस घटना को लेकर रमा देवी ने सभी आरोपियों के खिलाफ चंदवारा थाना में मामला दर्ज कराया.

पुराना जमीनी विवाद है कारण 

घटना के पीछे पीड़िता रमा देवी के परिवार और आरोपियों के बीच जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा है. इसे लेकर पहले भी पीड़िता और आरोपियों के बीच झगड़ा होता रहा है. उस रात की घटना भी इसी विवाद के कारण मानी जा रही है. पीड़ित के देवर का कहना है कि घटना के दिन उसकी भाभी के साथ मारपीट के साथ  तीन माह के भतीजे की हत्या कर दी गई और घर के खलिहान में आग लगा दी गई. साथ ही उसे भी जान से मारने की धमकी दी जा रही है.

पुलिस की कार्रवाई संदेह के घेरे में

बहरहाल, मामला जो भी हो, लेकिन पुलिस की एकतरफा कार्रवाई पर सवाल उठता है. 302 और 376 की गैर जमानती धारा के लगने के बाद भी आरोपी जिस तरह से खुलेआम घूम रहे हैं, उससे साफ जाहिर है कि पुलिस आरोपियों का बचाव कर रही है और पोस्टमार्टम का बहाना बना रही है. बेचारी मां अपने बच्चे की इंसाफ के लिए डेढ़ महीने से पुलिस थाने का चक्कर लगा रही है, अब उसकी भी उम्मीद जवाब दे रही है. अगर पुलिस ऐसे ही हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेगी तो लोगों का कानून पर से भरोसा उठ जाएगा और अपराधी बेफिक्र और अपराध करते रहेंगे.       

रिपोर्ट: संजय कुमार शर्मा, कोडरमा