दुमका(DUMKA)- पिछले दिनों शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र से दो बच्चियों के मानव तस्करों के जाल में फस कर गायब कर दिए जाने का मामला सुर्खियों में रहा था. इसके बाद प्रशासन के द्वारा शिकारीपाड़ा थाने में कांड संख्या 171 / 21 हमें सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.
काम दिलाने का झांसा देकर ले गई थी दिल्ली
बता दें कि आज एक नाटकीय घटनाक्रम में तस्करों के जाल में फंसी मीरू टूडू पिता स्वर्गीय फुलेंद्र टू डू ग्राम पोखरिया की घर वापसी हो गई है. मीरू टुडू ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि 2019 में उसे काम दिलाने का झांसा देकर दिल्ली ले जाया गया था जहां वे पिछले 3 वर्षों से रसोई का काम कर रही थी. इन 3 वर्षों में उसे कोई मजदुरी नहीं दी गई. मात्र ₹5000 दिया गया है और साथ ही परिजनों से बात करने भी नहीं दिया जा रहा था. बता दें कि पश्चिम बंगाल के नलहटी थाना क्षेत्र की रहने वाली आरती हसदा ने काम दिलाने का झांसा देकर और सब्जबाग दिखाकर शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पोखरिया गांव से मीरू टूडू और मकड़ा पहाड़ी गांव से भी एक बालिका को दिल्ली ले गई थी. वहां ले जाने के कुछ माह के बाद ही दोनों बच्चियों का अपने परिजनों के साथ संपर्क टूट गया. जब इस संबंध में शिकारीपाड़ा थाने में मामला दर्ज हुआ और पुलिस दबिश पड़ी तो आरती हांसदा की बेटी सोनाली ने मीरू टूडू को दिल्ली से लाकर घर पहुंचा दिया. हालांकि उसे विगत 3 वर्षों का तय रकम में से कुछ भी नहीं दिया गया है. वहीं मकड़ा पानी की रहने वाली दूसरी बालिका अब तक वापस नहीं लौटी है.
रिपोर्ट: अब्दुल अंसारी, शिकारीपाड़ा(दुमका )
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