चाईबासा (CHAIBASA) -पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुंडी प्रखंड के मेरेलगाड़ा गांव के एक कलयुगी पिता ने अपनी 28 दिन की नवजात बेटी को महज 30 हजार रुपये में बेच दिया. बेटी को बेचने के बाद मिले पैसे से दोस्तों के साथ हडिया दारू पीने - पिलाने में खर्च करने कर रहा है. इसकी जानकारी मिलने पर परमबालजोड़ी के मानकी सुरेंद्र चतोम्बा और गांव के मुंडा जयराम बारजो बुधराम के घर पहुंचे. लेकिन राशन लाने का बहाना बना कर बुधराम वहां से फरार हो गया.

पत्नी के गर्भावस्था में ही बेच दिया था बच्चे को

जब उसकी पत्नी गर्भवती थी , तो उसने बड़ा जामदा के किसी ब्यक्ति के साथ पेट मे पल रहे बच्चे का सौदा कर दिया था. बुधराम पेशे से हाइवा ड्राइवर है. मानकी , मुंडा और ग्रामीणों ने बुधराम की पत्नी उन्वासी चतोम्बा से इस संबंध में पूछताछ की तो पूरे मामले का पता चला. यह घटना 4-5 दिन पहले की है. बड़ा जामदा से एक पुरुष और 3 महिलाएं उंसके घर आईं थी. उस समय उंसके पति ने उसकी गोद से बेटी को ले कर उन्हें थमा दिया. उस समय उंसके पति ने कहा था कि पहले से इतने सारे बच्चे है , उन्हें पालना मुश्किल हो रहा है. इसे दे देने में कोई हर्ज नही है. तीस हजार रुपये भी मिल रहे है. बुधराम की पत्नी ने बताया कि पैसे का लेनदेन कब और कहां हुआ इसकी जानकारी उसे नही है.

बुधराम की पत्नी से जानकारी लेते मानकी-मुंडा

हडिया पीने-पिलाने में खर्च कर रहा है पैसा

उन्वासी ने बताया पैसे मिलने के बाद  उसका पति पैसा दोस्तों के बीच हड़िया पीने और पिलाने में खर्च कर रहा है. घर के लिए कोई सामान खरीदारी नहीं कर रहा है. वह खुद मर्जी का मालिक है.

 दो पत्नी है बुधराम की

महिला ने बताया कि पति बुधराम चातोंबा ने दो शादियां की है, पहली पत्नी जानिका चातोंबा से छह बेटियां हैं. दूसरी पत्नी ऊंवासी चातोंबा से तीन बेटी और एक बेटा हैं. जिसमें से एक मासूम को बेच दिया है. फिलहाल बड़ी बेटी रश्मि चातोंबा 4 वर्ष,सुनिका चातोंबा 3 वर्ष,कृष्णा चातोंबा 2 वर्ष घर में हैं.

बेचने और खरीदने वाले दोनों को मिलें सजा

परमबालजोडी के मानकी सुरेंद्र चतोम्बा का कहना है कि बच्चों को पैसे लेकर किसी के पास बेचना कानूनन अपराध है. बुधराम चातोंबा ने मासूम को बेचकर अपराध किया है. उसको हर हाल में सजा मिलना चाहिए.फिलवक्त वह गांव से फरार चल रहा है. उसकी खोजबीन चल रही है. मेरेलगाड़ा के मुंडा जयराम चातोंबा का कहना है कि पैसे देकर बच्ची को जो कोई भी लिया है, उसने भी गलत किया है. यदि उसे बच्ची को गोद लेने का इतना ही शौक था तो कानूनी प्रक्रिया पूरी कर परिवार और गांव के लोगों की सहमति लेना चाहिए था.

रिपोर्ट : द न्यूज डेस्क, रांची ब्यूरो कार्यालय