धनबाद ( DHANBAD) के जज उत्तम आनंद की मौत के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अपना जांच का दायरा बढ़ाते हुए कोयलांचल के चर्चित हत्याकांडो की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है. इसी क्रम में ,सीबीआई की टीम ने धनबाद के सरायढेला थाना पहुंचकर नीरज सिंह व रंजय सिंह हत्याकांड की एफ आई आर और चार्जशीट की कॉपी ली है. शायद, सीबीआई जज की मौत मामले में हत्याकांडो की कड़ी दर कड़ी जोड़ कर देखना चाहती है. जज की मौत मामले में सीबीआई लगातार सक्रियता बनाए हुए हैं. पकड़े गए टेंपो चालक लखन वर्मा और राहुल वर्मा का नारको टेस्ट,पॉलीग्राफी टेस्ट समेत अन्य जांच कराने के बाद कतरास के कुछ लोगों को पकड़ कर कई घंटों तक पूछताछ की. उसके बाद सरायढेला थाना जाकर धनबाद के सबसे ज्यादा चर्चित हत्याकांड की एफआईआर और चार्जशीट प्राप्त की. वैसे,
कोयलांचल में अमन सिंह गिरोह बना सिरदर्द
धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्या कांड का शूटर रांची जेल में बंद अमन सिंह का गिरोह धनबाद पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है. सूरज सिंह गैंग की तरह यह गिरोह कोयलांचल में दहशत कायम किए हुए हैं. कोयला क्षेत्र में रंगदारी वसूलने के लिए ये गैंग लागतार व्यवसायियों को फोन से मैसेज व नेट कॉल के जरिये धमकी दे रहा है. अब तक कई लोगों को फोन पर पैसे के लिए धमकी दे चुंका है. वह ठेकेदारों व दूसरे कारोबारियों को लगातार धमकी दे रहा है.
पुलिस ने उसके नीरज हत्या कांड में शामिल एक गुर्गा शुभम यादव को बिहार के बाढ़ अथमलगोला से गिरफ्तार की है. शुभम झामुमो नेता कारू यादव का वाहन चलाता था. अमन सिंह गैंग के कुख्यात अपराधी शहजाद को धनबाद पुलिस ने जमुई से गिरफ़्तार किया है. उसने स्वीकार किया है कि अमन सिंह के कहने पर ही वह पेट्रोल पंप पर रंगदारी वसूली के लिए फायरिंग की थी. धनबाद पुलिस प्रवक्ता डीएसपी अमर पांडेय ने बताया कि ने शहजाद को तकनीकी सेल की मदद से जमुई से पकड़ा गया है , उसकी निशानदेही पर पुलिस टीम ने धनसार से एक पिस्टल और दो गोली बरामद किया हैl अगर अमन गैंग के सबसे चर्चित मामले की जिक्र करें तो हाल ही में घटित 2 सितंबर को कतरास के नीरज तिवारी हत्याकांड में शूटरअमन सिंह गैंग से जुड़े रौनक गुप्ता व उसके साथियों का नाम आया.
कोयलांचल के कारोबारियों की सुरक्षा सबसे बडी चुनौती
पुलिस के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि कारोबारियों को कैसे सुरक्षा दें. सबों को तो बॉडीगार्ड दिया नहीं जा सकता. पुलिस गैंगस्टरों को जेल तक भेज देती है लेकिन जेल से ही वे बेधड़क अपनी समानान्तर व्यवस्था चलाने लगते है. चूंकि ,उनके गैंग के सभी जेल में नहीं होते या बेल पर आने के बाद अपराध शुरू कर देते है. स्थानीय जान पहचान के लोगों को गैंग में शामिल कर व्यवसायियों का नम्बर जुटाते है. फिर लोकल लिंक का फायदा उठाकर धमकाते रहते है.
कोयलांचल के कारोबारियों की सुरक्षा सबसे बडी चुनौती
पुलिस के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि कारोबारियों को कैसे सुरक्षा दें. सबों को तो बॉडीगार्ड दिया नहीं जा सकता. पुलिस गैंगस्टरों को जेल तक भेज देती है लेकिन जेल से ही वे बेधड़क अपनी समानान्तर व्यवस्था चलाने लगते है. चूंकि ,उनके गैंग के सभी जेल में नहीं होते या बेल पर आने के बाद अपराध शुरू कर देते है. स्थानीय जान पहचान के लोगों को गैंग में शामिल कर व्यवसायियों का नम्बर जुटाते है. फिर लोकल लिंक का फायदा उठाकर धमकाते रहते है.
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