गिरिडीह(GIRIDIH): लगातार पुलिसिया कार्रवाई से भले ही पारसनाथ जोन में बड़े-बड़े नक्सली अपना आशियाना छोड़ बाहर निकल रहे हैं. लेकिन सूत्र बताते हैं कि मौजूदा वक्त में कुख्यात नक्सली कृष्णा दा का दस्ता अभी भी क्षेत्र में मौजूद है. पारसनाथ जोन का हेड नक्सली लीडर फिलहाल कृष्णा हांसदा ही है.
कृष्णा पुलिस के लिए बना सिरदर्द
जानकार बताते हैं कि कृष्णा इस क्षेत्र में तब आया था जब कुख्यात नक्सली अजय महतो ने इस इलाके को छोड़ दिया था. इसके बाद नक्सली आकाओं ने 15 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा को इस इलाके का जिम्मा दिया. इस दौरान पुलिसिया कार्रवाई ताबड़तोड़ की गई. जहां कई नक्सली सलाखों के अंदर गए जिसमें कई कृष्णा दस्ते के नक्सली थे. फिलहाल कृष्णा के दस्ते में बहुत कम ही नक्सली बचे हैं. लेकिन वे बहुत ही खूंखार और अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं. सूत्रों के मुताबिक कृष्णा खुद एक के 56 से लैस हैं तो वहीं उसके दूसरे मित्र नक्सली एके-47 से लैस. भले ही इस कुख्यात नक्सली के पास दल छोटा है लेकिन मारक दल की क्षमता अत्याधुनिक हथियार से लैस होने के कारण अधिक है. इसी वजह से कृष्णा पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है.
गिरफ्तार नक्सलियों ने पुलिस के सामने किए कई खुलासे
बता दें कि बीते दिनों ग्रामीणों ने हरवे हथियार के साथ पीरटांड़ इलाके में निर्माण हो रहे सीआरपीएफ कैंप निर्माण का विरोध कुख्यात नक्सली के इशारे से किया था. पांडेडीह एवं पहाड़पुर में सीआरपीएफ कैंप को क्षति पहुंचाने एवं बड़ी वारदात को अंजाम देने की रणनीति बनाई थी. भले ही कृष्णा का दस्ता छोटा हो परंतु अत्याधुनिक हथियार से लैस होने के कारण इस दस्ते को लेवी आसानी से मिल जाती है जिसके कारण धंधा पर कोई असर नहीं पड़ता है. इन सभी बातों का खुलासा पिछले दिनों पीरटांड से गिरफ्तार अनल दा के दमाद टेकलाल किस्कू और उसके सहयोगी दानियाल ने पुलिस के समक्ष किया है. पुलिस ने दोनों से कड़ी पूछताछ की है जिसके बाद दोनों ने कई राज उगले और नक्सलियों के मददगार बनने वाले कई लोगों का नाम का भी खुलासा किया है.
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बता दें कि कृष्णा के दस्ते में बिहार के जमुई जिले के तीन नक्सली हैं जिसमें दो महिलाएं जिसका नाम पूजा कोड़ा आरती कोड़ा है. टेकलाल किस्कू और दानियाल ने बताया है कि एक करोड़ के इनामी नक्सली राम मांझी उर्फ अनल दा , 25 लाख का इनामी अजय महतो और 15 लाख का इनामी मिथिलेश महतो के पास ak-56 जैसे घातक हथियार हैं.
आधुनिक हथियार से लैस ये नक्सली
वही दूर से नार्थ चंचल उर्फ रघुनाथ हेंब्रम उर्फ निश्चय जो स्पेशल ए एरिया कमेटी के सदस्य हैं उनके पास भी एके-47, नंदलाल मांझी उर्फ पवित्र दा उर्फ विजय दा स्पेशल के रिया कमेटी के सदस्य हैं यह भी एके-47 से लैस हैं. बात करें अगर रणविजय महतो उर्फ रंजय की तो इनके पास एसएलआर है. वहीं विनोद मांझी इनके पास भी एसएलआर है. साहिब राम मांझी के पास इंसास है ,आरती कोड़ा के पास इंसास है, पूजा कोड़ा के पास 303 राइफल है. इन दोनों ने यह भी बताया है कि अजय महतो एवं अनल दा फिलहाल पारसनाथ में नहीं हैं. लेकिन मिथिलेश महतो झुमरा पहाड़ क्षेत्र का कार्यभार संभाल रहा है. झुमरा पहाड़ जोन में जो भी नक्सली वारदात हो रहे हैं उसमें मिथिलेश महतो का ही दस्ता सक्रिय है.
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ये सभी गिरफ्तार
सूत्र बताते हैं कि प्रशांत मांझी और उसकी पत्नी प्रभारी उर्फ जया दी के गिरफ्तारी के बाद कृष्णा मांझी का कमर टूट गया है क्योंकि कृष्णा के दस्ते के यह दोनों बड़े मारक नक्सली थे. इनके गिरफ्तारी के बाद फिलहाल तीन विश्वसनीय नक्सली कृष्णा के दस्ते में काम कर रहे हैं. बता दें कि गिरिडीह पुलिस और सीआरपीएफ 154 बटालियन ने बीते 28 दिसंबर को प्रभा दी एवं प्रशांत मांझी को गिरफ्तार कर लिया था. उसके बाद बीते 10 दिनों में गिरिडीह पुलिस और सीआरपीएफ ने कृष्णा के दस्ते से खाद्य पदार्थ एवं साजो सामान की व्यवस्था करने वाले दो अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लिया है. जिसने पुलिस के सामने कृष्णा दस्ते के बारे में काफी जानकारियां दी है.
रिपोर्ट: दिनेश कुमार, गिरिडीह
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