रांची(RANCHI): झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त ऑपरेशन कर पहली बार बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराया है. इतना ही नहीं टीम ने कई कैंप भी स्थापित कर दिए हैं. सुरक्षाबलों को मिली इस सफलता के बाद ना सिर्फ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बल्कि देश के गृह मंत्री अमित शाह ने भी इसे बड़ी कामयाबी बताई थी और उन्होंने सभी जवान को इसके लिए बधाई दी. इतनी बड़ी सफलता से ना सिर्फ राज्य, देश बल्कि सुरक्षाबलों के भी होसले काफी बढ़े हैं. इस सफलता के बाद सुरक्षाबल अब नक्सली ट्राई जंक्शन में एक साथ चोट करने के प्लान में है.
क्या है ट्राई जंक्शन
जगुआर के डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि हमारी टीम ने बूढ़ा पहाड़ पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है. और अब हम नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन और तेज करेंगे. उन्होंने बताया कि अब हम एक साथ सारंडा, कोलेश्वरी जोन, पारसनाथ, जुमला पहाड़ और कोर एरिया में ऑपरेशन शुरू करेंगे. आपको बता दें कि यह सभी इलाका अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है. अगर, सुरक्षाबल इन सभी क्षेत्रों में अपना कब्जा कर लेती है तो ये उनके लिए बड़ी कामयाबी होगी और नक्सलियों को काफी नुकसान होगा. क्योंकि यह क्षेत्र इनका गढ़ माना जाता है. ऐसे में पुलिस इन सभी क्षेत्रों में अगर अपना कब्जा जमा लेती है तो झारखंड से नक्सलियों की कमर टूट जाएगी.
एक करोड़ का इनामी मिसिर बेसरा सक्रिय
इन क्षेत्र में नक्सली काफी सक्रिय हैं. यह उनके लिए सेफ जोन माना जाता है. इस क्षेत्र में कई इनामी नक्सली रहते हैं. लेकिन सुरक्षाबलों के लिए सबसे बड़ी परेशानी एक करोड़ का इनामी मिसिर बेसरा है. दरअसल, वह इन क्षेत्रों में काफी सक्रिय है. घने जंगलो से घीरा यह इलाका नक्सलियों के लिए काफी सेफ माना जाता है और इसका फायदा नक्सली पुलिस ऑपरेशन के दौरान उठाते हैं.
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अभियान में करोड़ों रुपए खर्च
झारखंड साल 2000 में बिहार से अलग हुआ था और उसी समय से राज्य में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार अकेले केंद्रीय बल पर ही इस अभियान में अब तक 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो चुके है. खैर, सुरक्षाबल अगर इन क्षेत्रों में अपना कब्जा जमा लेते हैं तो इससे आम नागरिक को काफी फायदा होगा.
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