रांची ( RANCHI) - भाजपा विधायक दल के नेता सह सीएम बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन पर पलटवार किया है. बाबूलाल ने कहा कि भाजपा आदिवासियों का का भी मुद्दा हमेशा से उठाती रही है. चाहे वह महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की हत्या का मामला हो या एएसआई संध्या टोपनो की हत्या का मामला हो. लेकिन सीएम हेमंत सोरेन खुद को आदिवासी कह कर भाजपा पर आदिवासी होने के कारण परेशान करने का आरोप लगाते हैं. जो सरासर गलत है. बाबूलाल मंगलवार को दुमका के परिसदन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.   

अपराधियों, दलालों को सरकार का संरक्षण  

बाबूलाल ने हेमंत सरकार पर हमलावर अंदाज में कहा कि सरकार अपराधियों,चोरों और दलालों को संरक्षण दे रही है. संताल परगना में खनिज संपदा का खूलेआम लूट हो रही है, लेकिन सरकार चुप बैठी है. उनके एक करीबी के घर से दो एक-47 रायफल बरामद होता है और जब मीडिया उनका करीबी बताती है, तो धमकी देते है कि उनके साथ नाम जोड़ने पर धमकी दी जाती है.   

 अंकिता मामले में सरकार संवेदनहीन

  इसके पूर्व बाबूलाल मरांडी दुमका के जरूवाडीह पहुच कर अंकिता सिंह के परिजनों से मुलाकात की और सांत्वना दिया. बाबूलाल मंरांडी ने कहा कि पूरे घटना क्रम के दौरान राज्य सरकार की संवेदनहीनता सामने आई. 23 अगस्त को अंकिता पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगाई गई जिसमें वह बुरी तरह झुलस गई. परिजन उसे लेकर फूलोझानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे और अंकिता को भर्ती कराया. दुमका में स्वास्थ सुविधाओं का क्या हाल है इससे हम सभी वाकिफ है। प्रशासन ने गंभीर रुप से झूलसी अंकिता को परिजनों के सहारे छोड़ दिया. गरीब परिजन अपनी बेटी को लेकर कहां जाते. कुछ लोगों के सहयोग से उसे रिम्स ले जाया गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहती तो अंकिता को एयरलिफ्ट कर किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती कराती तो आज अंकिता हम सभो के बीच होती.

दंगा में पुलिस की गोली के शिकार युवक को भेजा

 बाबूलाल ने कहा कि आम लोगों को याद होगा कि कैसे निर्भया को बचाने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने एयरलिफ्ट के सहारे निर्भया को दिल्ली से सिंगापूर तक पहुंचाया था. दूसरा उदाहरण उन्होंने कुछ महीने पूर्व रांची में घटित दंगा कांड का दिया, जिसमें पुलिस की गोली के शिकार एक युवक को राज्य सरकार द्वारा सरकारी खर्च पर एयर लिफ्ट कर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया और उसे नई जिंदगी मिली. उन्होंने कहा कि अंकिता रिम्स में जिंदगी और मौत से जुझती रही और सरकार पिकनिक मनाने में व्यस्त रही. स्थानीय विधायक वंसंत सोरेन जो सीएम के छोटे भाई हैं एक बार भी रिम्स जाकर पीड़िता को देखने की कोशिश नहीं की. सरकार का कोई भी नुमाइंदा  रिम्स नहीं पहुंचा. बाबूलाल मरांडी ने पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा एक तरफ अंकिता को परिजनों के सहारे छोड़ दिया गया वहीं दूसरी तरफ इस घटना में शामिल अपराधियों को बचाने का भी प्रयास किया गया.

रिपोर्ट – पंचम झा, दुमका