टीएनपी डेस्क: डिजिटल अरेस्ट के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. आए दिन कहीं न कहीं इससे जुड़ा मामला सामने आ रहा है कि साइबर ठगों ने झूठे केस में डिजिटल अरेस्ट कर लिया है. ये साइबर ठग 25-30 साल से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक को भी अपना निशाना बना रहे हैं. लेकिन इस बार तो इन साइबर ठगों ने हद ही कर दी है. स्कैमर्स ने एक लड़की को पहले डिजिटल अरेस्ट किया और फिर वेरीफिकेशन के नाम पर उससे कपड़े भी उतरवाए. साथ ही महिला से 1.7 लाख रुपए की वसूली भी ठगों ने कर ली.

मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे केस में किया डिजिटल अरेस्ट 

ये मामला मुंबई का है. जहां एक 26 साल की महिला को साइबर ठगों ने दिल्ली पुलिस बनकर उसे डिजिटल अरेस्ट कर लिया. महिला फार्मास्यूटिकल कंपनी में काम करती है. साइबर ठगों ने दिल्ली पुलिस बनकर महिला को पहले कॉल किया और कहा कि उसका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है. ये मनी लॉन्ड्रिंग केस जेट एयरवेज के फाउंडर-चेयरमैन नरेश गोयल से जुड़ा है. जब महिला ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया तो ठगों ने वीडियो कॉल कर झूठे कागजात दिखा कर महिला को यकीन दिलाया. साथ ही ठगों ने महिला से कहा कि अगर उसने जांच के लिए पुलिस का सहयोग नहीं किया तो उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

पूछताछ के लिए होटल में करवाया चेक इन 

साइबर अपराधी इतने में ही नहीं रुके. अपराधियों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस से संबंधीत पूछताछ करने के लिए महिला को एक होटल में जाकर चेक इन करने को कहा. जिसके बाद ठगों ने बैंक डिटेल्स वेरीफाई कराने के बहाने वीडियो कॉल पर ही महिला से 1 लाख 78 हजार रूपए ट्रांसफर करने को कहा. साथ ही ठगों ने ‘बॉडी वेरीफिकेशन’ के बहाने महिला को कपड़े उतारने पर मजबूर कर दिया.  

महिला को जब तक अपने साथ ठगी होने का अहसास हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी थी. महिला के अकाउंट से पैसे ट्रांसफर हो चुके थे. हालांकि, महिला ने अपने साथ ठगी होने की शिकायत दहिसर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई. जिसके बाद महिला की शिकायत को अंधेरी पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया गया. पुलिस अब मामले की जांच कर अज्ञात अपराधियों को ढूंढने में लगी है.