रांची(RANCHI):  झारखंड में एक कथित पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. यह पत्र "चतरा-पलामू सीमांत जोनल कमिटी ( TSPC)" के नाम से जारी बताया जा रहा है हालांकि, इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकी है.

मुठभेड़  पर सवाल

पत्र में हाल ही में हुए मुठभेड़ और उसमें दो जवानों की शहादत को लेकर सवाल उठाए गए हैं. इसमें पुलिस जवान संतोष मेहता और सुनील राम की मौत की जांच की मांग की गई है. पत्र में दावा किया गया है कि उनकी मौत संगठन की गोली से नहीं बल्कि पुलिस की “आपसी फायरिंग” और “गलती” से हुई है.

मुठभेड़ या साजिश

वायरल पत्र में 3 सितंबर 2025 को पलामू इलाके में हुई पुलिस कार्रवाई का भी उल्लेख किया गया है और इसे “साजिश” बताया गया है. साथ ही, इस घटना को लेकर आईजी, एसपी और अन्य अधिकारियों की भूमिका पर उंगली उठाई गई है.
पत्र में यह भी लिखा गया है कि संगठन की लड़ाई पुलिस से नहीं है, बल्कि महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी, जमींदारी और पूंजीपति शोषण सिस्टम से है.

नक्सली के पत्र पर चुप्पी

अभी तक पुलिस या प्रशासन की ओर से इस वायरल पत्र को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.