पलामू(PALAMU): जिला के पांडू प्रखंड से मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. पांडू प्रखंड के कुजरुकला पंचायत में पिछले कई दशकों से रह रहे मुसहर समुदाय के लोगों को अल्पसंख्यक समुदाय के दबंगों ने घर तोड़ दिए और उन्हें गांव से बाहर निकाल दिया. दबंगों की क्रूरता यहीं पर नहीं रुकी, उन्होंने इन सभी महादलित परिवारों के सदस्य से हस्तलिखित सहमति पत्र पर जबरन अंगूठा भी लगवा लिया.
मुसहर समुदाय के परिवारों को घरों से बेदखल करके उन्हें छतरपुर प्रखंड के लोटो जंगल में छोड़ दिया गया. बिना घर बिना काम के उन लोगों का क्या होगा किसी ने नहीं सोचा. राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार जो खुद को आदिवासी, दलितों का हितैशी बताती है लेकिन खबर लिखे जाने तक उन दबंगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बता दें कि जहां पर ये पूरी घटना हुई, उससे महज कुछ दूरी पर पांडू पुलिस मौजूद थी. लेकिन उन दबंगों के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. अल्पसंख्यक समुदाय के दबंगों ने ये कहकर उन परिवारों का पिछले चालीस का आसियाना छीन लिया की यह मदरसे की जमीन है. जिनका चालीस साल पुराना घर छीन जाए वो कितना बेबस और लाचार होगा शायद आप महसूस नहीं कर पायेंगे.
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