दुमका(DUMKA): हाल के दिनों में दुमका जिला लगातार सुर्खियों में है. दरअसल, सुर्खियों में बने रहने की वजह कोई ऐसा नहीं जिसे सुनकर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाए. बल्कि सिरफिरों की करतूतें सुनकर किसी भी सभ्य समाज का सिर शर्म से झुक जाएगा. पेट्रोल कांड पार्ट-01 की पुनरावृत्ति हुई और पेट्रोल कांड पार्ट-02 में भी जिले की एक बेटी को जान गंवानी पड़ी. पहले अंकिता फिर मारुति, अगला कौन? यह सवाल सभी को झकझोर के रख दे रहा है. दोनों ही मामलों में आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है. हर तरफ आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की जा रही है. आरोपियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के साथ ही पीड़ितों के लिए श्रद्धांजलि सभा का दौर जारी है.
वहीं, दुमका में लगातार हो रहे महिला अत्याचार के मामलों को लेकर सत्तापक्ष हो या विपक्ष सभी एक स्वर से आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग भी कर रहे हैं और इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो सरकार से इसकी भी मांग कर रहे हैं.
दोनों के आरोपी सलाखों के अंदर
अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसी मानसिकता वाले लोगों को कानून का भय क्यों नहीं होता है. पेट्रोल कांड पार्ट-01 के दोनों आरोपी जेल में हैं. मामला पोक्सो कोर्ट में चल रहा है. पार्ट-02 के आरोपी भी सलाखों के अंदर हैं. फैसला कानून करेगी, लेकिन जो सबसे बड़ी बात है कि आज की युवा पीढ़ी को हमने आजादी तो दे दी और आजादी मिलनी भी चाहिए. लेकिन घर के बाहर की बातों को वे अपने परिजनों से शेयर नहीं करते.
अभिभावक बच्चों के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करें
अंकिता हो या मारुति दोनों मामलों में आरोपी द्वारा धमकी देने की बात तब सामने आई जब दोनों अस्पताल में थी और अपनी अंतिम सांस ले रही थी. छोटी-छोटी बातों को हम नजरअंदाज कर देते हैं, जो अंत में बड़ी घटना में तब्दील हो जाती है. अभिभावक को भी चाहिए कि वो अपने बच्चों के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करे ताकि बच्चे हर बात उनसे शेयर करे.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका
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