रांची ब्यूरो(RANCHI BUREAU): दुमका पेट्रोल कांड के आरोपी शाहरुख के खिलाफ पोक्सो एक्ट की धारा लगा दी गई है. बता दें कि दुमका बाल कल्याण समिति ने खुद मामले पर संज्ञान में लेते हुए नगर थाना कांड संख्या 200/22 में पोक्सो एक्ट 2012 की धारा जोड़ने की अनुशंसा की थी. जिसके बाद आरोपी के खिलाफ बुधवार (31.08.2022) की शाम केस में आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट की धारा 12 जोड़ दी गई है.
मैट्रिक की मार्कशीट के आधार पर लगी पोक्सो एक्ट
दुमका के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट ने जे. जे. एक्ट 2015 की धारा 30(ii) के तहत इंक्वायरी दर्ज किया था. इस इंक्वायरी का आधार पीड़िता का मैट्रिक मार्कशीट को बनाया गया. मैट्रिक के मार्कशीट के अनुसार घटना के दिन पीड़िता की उम्र महज 15 साल 09 महीने था. पीड़िता की उम्र 18 साल से कम होने के कारण वो नाबालिग की श्रेणी में आती है. इसी आधार पर आरोपी के खिलाफ केस में पोक्सो एक्ट की धारा 12 जोड़ दी गई है.
क्या था पूरा मामला
दुमका जिले के जरूवाडीह नगर थाना क्षेत्र में 23 अगस्त 2022 के अहले सुबह को पीड़िता अपने घर में सोई हुई थी, उसी दौरान आरोपी शाहरुख ने पेट्रोल छिड़क कर नाबालिग लड़की पर आग दिया. इस घटना में पीड़िता का 90 से 95 प्रतिशत तक शरीर जल गया. जिसके बाद पीड़िता की मौत 27 अगस्त 2022 को रांची के रिम्स में इलाज के दौरान हो गई.
क्या है पोक्सो एक्ट
इस अधिनियम (कानून) को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने साल 2012 पोक्सो एक्ट-2012 के नाम से बनाया था. इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है. इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है
चेयरमैन का मीडिया से अनुरोध
दुमका बाल कल्याण समिति के चेयरमैन ने मीडिया से अपील की है. उन्होंने पोक्सो एक्ट 2012 और जे जे एक्ट 2015 का हवाला देते हुए कहा है कि पोक्सो पीड़िता का फोटो, नाम, पिता का नाम या किसी भी तरह से पहचान उजागर करना दण्डनीय अपराध है. ऐसे में उन्होंने सभी मीडिया से जुड़े लोगों से अपील किया है कि वो पीड़िता शब्द का इस्तेमाल करें और किसी भी रूप में उसके पहचान को उजागर नहीं करें.
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