टीएनपी डेस्क: आपने हर दिन डिजिटल अरेस्ट के कई मामले पढे या सुने होंगे. देश भर में सैकड़ों-हजारों मामले डिजिटल अरेस्ट के दर्ज हो चुके हैं. साइबर ठगों द्वारा कई लोगों को डरा-धमका कर डिजिटल अरेस्ट कर लिया जा रहा है और उनसे लाखों रुपये ठगे जा रहे हैं. लेकिन ये बात तो हो गई ठगी कि पर शायद ही आपने ऐसा सुना होगा कि अब ठग आपको कॉल कर अपने गिरोह में शामिल होने का ऑफर भी दे रहे हैं. जी हां, ऐसा अनोखा मामला सहारनपुर से सामने आया है. जहां एक महिला को कॉल कर ठगों ने गिरोह में शामिल होने का ऑफर दे दिया. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
ठगों ने कॉल कर कहा- बेटे ने कर दिया है एक लड़की का रेप
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक अस्पताल में स्टाफ नर्स की नौकरी करने वाली शगुफ्ता मलिक हर दिन की तरह अपना काम कर रही थी. ऐसे में शगुफ्ता मलिक को एक कॉल आया. कॉल ऐसा कि उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. शगुफ्ता मलिक को कॉल पर बताया गया कि उसका बेटा जो कि हॉस्टल में रहता है, उसने एक लड़की का रेप कर दिया है. इतना सुनते ही शगुफ्ता का सिर चकरा गया. आगे उससे कॉल पर पूछा गया कि उसके बेटे की उम्र कितनी है. जिसके बाद शगुफ्ता मलिक खुद ने खुद ही जवाब दे दिया कि उसका बेटा 20 साल का है. जिसके बाद आगे से कॉल पर बताया गया कि, एक लड़की का रेप और मर्डर हो गया है और मौके पर तुम्हारा बेटा मिला है. फिलहाल तुम्हारे बेटे को थाने लाया गया है और आगे की कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, ये कॉल किसी और ने नहीं बल्कि साइबर ठगों ने पुलिस बन कर शगुफ्ता को की थी.
बेटे को छोड़ने के मांगे 50 हजार
हालांकि, ठगों की बात सुनने के बाद शगुफ्ता मलिक में उस वक्त इतना धैर्य था कि उसने कॉल करने वाले से कहा कि, उसे अपने बेटे से बात करनी है. ऐसा हुआ भी शगुफ्ता ने अपने बेटे से बात की. बेटे की आवाज भी बदली हुई नहीं थी. बेटे ने फोन पर रोते हुए कहा कि मम्मी प्लीज बचा लो मुझे. और यहां बेटे की रोते हुए आवाज सुनते ही शगुफ्ता ने बचा हुआ धैर्य भी खो दिया. कॉलर ने शगुफ्ता से कहा कि, अगर बेटे को ले जाना है तो एक लाख देने होंगे. शगुफ्ता ने कहा कि उसके पास इतने पैसे नहीं है तो कॉलर 50 हजार पर आ गया. इतने में जब शगुफ्ता ने कहा कि मे पास इतने नहीं हैं इंतजाम करती हूं तो कॉलर ने फोन ऑन ही रखने को कहा.
सहयोगी ने फंसने से बचा लिया
ऐसे में बेटे के लिए घबराई शगुफ्ता अपने बेटे को बचाने के लिए कॉलर की हर बात मान रही थी. शगुफ्ता ने कॉल ऑन ही रख दिया. हालांकि, शगुफ्ता के साथ वहां उसी के साथ कम करने वाली एक स्टाफ नर्स भी मौजूद थी. उस स्टाफ नर्स ने शगुफ्ता को इशारे से बताया कि यह सब फ्रॉड है और इस कॉल को रिकॉर्ड कर लो. लेकिन घबराई शगुफ्ता को ये सब उस वक्त समझ नहीं आ रहा था. ऊपर से कॉलर ने फोन काटने से भी मना कर दिया. ऐसे में दूसरी नर्स ने शगुफ्ता से कहा कि, एक बार कॉल काट कर अपने बेटे को कॉल करो उससे बात करो. आखिरकार शगुफ्ता ने अपने सहयोगी नर्स की बात सुन कॉल काट दिया और बेटे को कॉल लगा दिया. वहीं, जब शगुफ्ता के बेटे ने उसे बताया कि वह मैंगलोर में ही है और अपने कमरे में बैठ कर पढ़ाई कर रहा है और वह बिल्कुल ठीक है. जिसके बाद शगुफ्ता समझ गई कि उसे ठगा जा रहा था.
ठगों ने कहा- शातिर हो हमारे साथ शामिल हो जाओ
वहीं, शगुफ्ता को बार-बार ठगों का कॉल आना शुरू हो गया. शगुफ्ता ने कॉल को इग्नोर किया. लेकिन जब कॉल आना बंद नहीं हुआ तो उसने ट्रू कॉलर में नंबर चेक किया, जिसमें नंबर पाकिस्तान का बता रहा था. इसके बाद गुस्से में शगुफ्ता ने फोन उठाया और कहा कि मुझे पता है तुम ठग हो और झूठ बोलकर लोगों को फंसाते हो. तुम अपने देश के लिए एक धब्बा हो. इतने में उधर से ठगों ने शगुफ्ता को कहा कि, आप बहुत शातिर हैं. लेकिन इस काम से यहां मुझे इज्जत मिलती है और मैं आपको भी सिखा दूंगा. इससे आपको भी दौलत-शोहरत हासिल हो जाएगी. ऐसे में शगुफ्ता ने खरी-खोटी सुना कर कॉल काट दिया.
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