टीएनपी डेस्क(TNP DESK): अफगानिस्तान पर 15 अगस्त 2021 को तालिबानी लड़ाकू ने कब्जा कर लिया था. तब से अभी तक वहां की सरकार तालिबानिओं के हाथ में है. ऐसे में आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा, जब अफगानिस्तान की सत्ता तालिबान के हाथ में है तो फिर देश में इतने आत्मघाती हमले कौन कर रहा है. इसके पीछे किस संगठन का हाथ है और तालिबानी सरकार के गठन के बाद कितने लोगों की मौत हुई और कितने हमले हुए हैं. इन सारे सवालों का जवाब हम आपको इस स्टोरी में देंगे.

इस्लामिक स्टेट ख़ुरासान सबसे बड़ा दुश्मन      

तालिबान का सबसे बड़ा दुश्मन इस्लामिक स्टेट ख़ुरासान (ISKP) है. इसके अलावा अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिका और सहयोगी देशों के फ़ौज जाने के बाद देश में आईएस का ख़तरा भी बढ़ गया है. देश में लगातार हादसे और आत्मघाटी हमले हो रहे हैं. इन हमलों में अबतक बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई है. तालिबान सरकार को आईएसकेपी और आईएस से सबसे ज्यादा खतरा है.

कैसे बने तालिबान के दुश्मन

जानकारों के अनुसार इस्लामिक स्टेट और तालिबान में वैचारिक मतभेद पाए जाते हैं और उनके बीच पहले भी झड़पें हो चुकी हैं. इस्लामिक स्टेट के अलावा दूसरा संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान भी तालिबान के लिए खतरा है.   

अफगानिस्तान में फिर हमला 100 की मौत

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद कई हमले हुए हैं, जिसमें काफी लोगों की मौत हो चुकी है. ताजा मामला राजधानी काबुल के शिया बहुल इलाके का है, जहां शुक्रवार, 30 सितंबर, 2022 को  दशती बारची इलाके में एक शिक्षा संस्थान के अंदर विस्फोट हुआ. इस हमले में कम से कम 100 बच्चों के मरने की खबर आई है. स्थानीय मीडिया की मानें तो घटना में ज्यादातर छात्र मारे गए हैं. ज्यादातर हजारा और शिया थे. हजारा अफगानिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा जातीय समूह है. हालांकि हमले की जिम्मेवारी अभी तक किसी संगठन ने नहीं ली है.