टीएनपी डेस्क (TNP DESK)- हिंदी सिनेमा की मशहूर और दिग्गज गायिका संध्या मुखर्जी उर्फ संध्या मुखोपाध्याय को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया, लेकिन उन्होंने यह सम्मान लेने से मना कर दिया. संध्या मुखर्जी की बेटी सौमी सेनगुप्ता ने कहा कि उनकी मां ने दिल्ली से फोन करने वाले वरिष्ठ अधिकारी को कहा कि वह गणतंत्र दिवस सम्मान सूची में पद्मश्री से सम्मानित होने के लिए तैयार नहीं हैं. सेनगुप्ता ने कहा, '90 साल की उम्र में, लगभग आठ दशकों से ज्यादा के सिंगिंग करियर के बाद उन्हें पद्म श्री के लिए चुना जाना उनके लिए अपमानजनक है. ' इसके साथ ही सौमी सेनगुप्ता ने यह भी अपील की है कि संध्या मुखर्जी के पद्मश्री पुरस्कार स्वीकार न करने को राजनीतिक रूप न दें.
राजनीतिक वजह ढूंढने की कोशिश न करें
गायिका की बेटी ने कहा कि 'पद्म श्री किसी जूनियर कलाकार के लिए ज्यादा योग्य है, न कि संध्या मुखोपाध्याय के लिए. उनका परिवार और उनके फैंस भी यही महसूस करते हैं. इसको राजनीतिक रूप भी न दिया जाए. उन्होंने कहा कि कृपया इसमें किसी भी तरह की राजनीतिक वजह ढूंढने की कोशिश न करें. संध्या एक मशहूर गायिका हैं. उन्होंने एस डी बर्मन, अनिल विश्वास, मदन मोहन, रोशन और सलिल चौधरी सहित कई संगीत निर्देशकों के साथ काम किया और उनके लिए गाने भी गा चुकी हैं. संध्या मुखर्जी को साल 2001 में पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार बंगा विभूषण से सम्मानित किया था. साल 1970 में संध्या मुखर्जी 'जय जयंती' गाने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुई थीं.
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