जमशेदपुर ( JAMSHEDPUR) -  टूटे हुए लोग सुनाया नहीं करते उन्हें सुनना पड़ता है, कश्मीर फाईल्स के इस संवाद पर भावी पत्रकारों ने खूब तालियां बजाईं.मौका था जमशेदपुर के मानगो के आईलैक्स में "कश्मीर फाईल्स"के स्पेशल शो का..

कश्मीर फाईल्स को पूरे देश में दर्शकों का प्यार मिल रहा है.वहीं खास शो के माध्यम से भी विभिन्न संस्थाएं लोगों को इसे देखने के लिए प्रेरित कर रही हैं.फिल्म में मीडिया , सरकार ,तंत्र सभी पर सवाल खड़े किए ग ए हैं.फिल्म पर क ई तरह के आरोप भी लग रहे हैं.कुछ कह रहे हैं कि इससे खास एजेंडे को पोषित किया जा रहा है.दूसरी तरफ आम आदमी और खासकर कश्मीरी पंडित इसे देखकर फूट फूट कर रो रहे हैं.उन्हें लग रहा है कि 32सालों बाद सही उनकी पीड़ा को किसी ने समझा..

लेकिन इस फिल्म को देखकर भावी  पत्रकार आखिर क्या सोचते हैं? किसी भी प्रकार के एजेंडे से अलग पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने अपनी संस्था के माध्यम से पत्रकारिता के छात्रों को कश्मीर फाईल्स के विशेष शो दिखाने के इंतज़ाम किए.मकसद था अपनी खुद की राय बनाना और फैक्टस के साथ उसको जांचना..