टीएनपी डेस्क: आए दिन थिएटर और ओटीटी पल्टफॉर्म्स पर कोई न कोई नई फिल्म रिलीज होते रहती है. लेकिन इन फिल्मों के रिलीज होने से पहले या तो लोगों में फिल्म को देखने का क्रेज बढ़ जाता है या फिर अपने कुछ न कुछ कंटेन्ट को लेकर फिल्म ही ट्रोल हो जाती है. कभी कभी तो फिल्म को बैन करने तक की नौबत आ जाती है. इससे कभी एक्टर-एक्ट्रेस तो कभी फिल्म के प्रोड्यूसर और डायरेक्टर की मुसीबत बढ़ जाती है. फिलहाल इन्हीं चक्करों में OTT प्लेटफॉर्म Netflix भी पड़ गया है. अभी कंगना रनौत की अपकमिंग फिल्म ‘इमेरजेंसी’ को लेकर उठा बवाल शांत हुआ नहीं था की अब Netflix पर रिलीज हो चुकी IC 814: The Kandahar Hijack Series को लेकर बवाल शुरू हो चुका है. यहां तक कि सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) की तरफ से नेटफ्लिक्स कंटेंट हेड को समन भेज दिया गया है. ऐसे में Netflix की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है.  

क्या है मामला

Netflix पर रिलीज हुई अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित सीरीज ‘IC 814: The Kandahar Hijack’ 25 साल यानी 1999 में हुए कंधार प्लेन हाईजैक की सच्ची घटना पर आधारित है. इस सीरीज के रिलीज होते ही यह Netflix पर नंबर 1 पर ट्रेंड होने लगा. एक तरफ फैंस इस सीरीज को खूब पसंद कर रहे हैं तो वहीं, दूसरी तरफ इस सीरीज को बायकॉट (Boycott) करने की मांग उठने लगी है. दरअसल, इस सीरीज में दिखाए गए आतंकियों के हिन्दू नाम रखे गए हैं. जिस पर भाजपा ने सवाल उठाते हुए कहा कि इस सीरीज में हिंदुओं को बदनाम करने व आतंकवाद द्वारा किये गए हैवानियत को छुपाने की कोशिश की गई है. अब भाजपा इस सीरीज को बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं. सोशल मीडिया X प्लेटफॉर्म पर इस सीरीज को बायकॉट (Boycott) करने के लिए कई पोस्ट शेयर किये जा रहे हैं.

ये हैं आतंकियों के असली नाम

साल 1999 में हुए कंधार प्लेन हाईजैक में शामिल आतंकियों का असली नाम शाहिद अख्तर, जहूर मिस्त्री, सन्नी अहमद इब्राहिम अख्तर और शाकिर था. लेकिन सीरीज में आतंकवादियों के नाम को बदलकर भोला, डॉक्टर, बर्गर, शंकर और चीफ रखे गए हैं.

सीरीज के डायरेक्टर ने दिया अपना बयान

वहीं, आतंकियों के बदले नामों को लेकर हो रहे बवाल पर सीरीज के डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने अपना बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि, इस सीरीज को बनाने से पहले काफी रिसर्च की गई है. साथ ही उन्होंने इस बात का भी दावा किया है कि, इस घटना में जो भी आतंकी शामिल थे, वे एक-दूसरे को अलग अलग नामों यानी नकली नामों से पुकारते थे.