पटना (PATNA):आज से ठीक 50 साल पहले, 25 जून 1975, देश के लोकतांत्रिक इतिहास का वो काला दिन था ,जब आपातकाल लगाया गया था.इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने X ट्विटर भावुक पोस्ट लिखते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प दोहराया. सीएम नीतीश कुमार ने लिखा आपातकाल अभिव्यक्ति की आज़ादी का गला घोंटने वाला दिन था.
आपातकाल 21 महीनों तक रहा लागू
जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हमने आवाज उठाई, जेल गए, लेकिन पीछे नहीं हटे.उन्होंने कहा कि बिहार ने हमेशा संविधान, न्याय और स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी है ,और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहेगा.नीतीश कुमार ने लिखा है कि 1975 में लागू हुआ था आपातकाल जो 21 महीनों तक लागू रहा.नीतीश कुमार ने जेपी आंदोलन में हिस्सा लिया, और लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प भी लिया.
बिहार के उपमुख्यमंत्री ने आपातकाल को लेकर क्या कहा
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने आपातकाल को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कहा कि 25 जून 1975 एक ऐसी तारीख है जिसने लोकतंत्र की आत्मा को झकझोर दिया था. उन्होंने कहा, "परिवारवाद और तानाशाही मानसिकता ने लोकतंत्र खत्म करने का संकल्प लिया था." उन्होंने जेपी आंदोलन को लोकतंत्र की पुनर्स्थापना का आधार बताया.
वहीं सम्राट चौधरी ने कहा आपातकाल को संविधान की हत्या करार देते हुए कहा, "बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा रचित संविधान की आत्मा को 25 साल बाद ही कुचल दिया गया." उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत को फिर से "सोने का शेर" बनाया जाए और लोकतंत्र की रक्षा की जाए.कार्यक्रम में संविधान की रक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने का संकल्प लिया गया।
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