रांची(RANCHI): झारखंड में सरकारी डॉक्टर के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई सेवा शर्त और दिशा-निर्देश जारी किया है. फरमान जारी होते ही झारखंड में डॉक्टरों ने आपात बैठक कर इसे तुगलगी बताया है. सरकारी डॉक्टरों के संगठन झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन के आह्वान पर रविवार को राज्य के सभी 24 जिलों के प्रतिनिधियों ने रांची में आपात बैठक कर आगे की रणनीति बनाई. डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग को नई सेवा शर्त और दिशा-निर्देश को वापस लेने के लिए 15 अगस्त तक का आल्टीमेटम दिया है.
रांची स्थित IMA भवन में सभी जिला से आए सरकारी डॉक्टरों ने अपनी-अपनी बात रखी. डॉक्टरों ने एक साथ सामूहिक इस्तीफा का भी प्रस्ताव रखा. डॉक्टरों का कहना है कि ड्यूटी के बाद वह कहा जाते हैं, क्या करते हैं इससे स्वास्थ्य विभाग को क्या लेना देना. डॉक्टरों ने कहा कि सरकार सिर्फ सभी लोगों को प्रताड़ित करना चाहती है.
IMA के प्रदेश सचिव डॉक्टर प्रदीप सिंह ने कहा कि राज्य पहले से ही डॉक्टरों की कमी झेल रहा है. ऐसे में जो नए डॉक्टर झारखंड में सेवा देने की सोच रहे होंगे. इस निर्णय के बाद वह झारखंड में नहीं आएंगे. उन्होंने कहा कि सरकारी डॉक्टर OPD के बाद प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते है. लेकिन सरकार उन्हें रोकना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार ने बेतुका फरमान जारी किया है, अगर डॉक्टरों की मांग पर विचार नहीं किया जाएगा तो 15 अगस्त के बाद राज्य के 2178 सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे.
क्या है नई सेवा शर्त और दिशा निर्देश
जारी निर्देश के अनुसार चिकित्सक प्रतिदिन अपने कार्यावधि और OPD के समय निजी प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे. शहरी क्षेत्र में सरकारी अस्पताल से 500 मीटर की दूरी पर रहेंगे. वहीं, ग्रामीण इलाकों में 250 मीटर के नजदीकी एरिया में प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे. दूसरे जिले में जाकर प्रैक्टिस करने की भी इजाजत नहीं होगी. सरकारी अस्पताल या सरकारी आवास में प्रैक्टिस अवैध माना जाएगा. सरकारी चिकित्सक किसी निजी अस्पताल में अपनी सेवा नहीं दे सकते है. अपने क्लिनिक में किसी मरीज को भर्ती कर इलाज नहीं कर सकते हैं.
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