गिरिडीह ( GIRIDIH) - हेमंत सरकार के स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता का दावा रहा कि स्वास्थ सुविधा को हर हाल में दुरुस्त किया जाएगा. लेकिन गिरिडीह सदर अस्पताल की कहानी ही कुछ और है. वैसे सदर अस्पताल और मातृत्व शिशु स्वास्थ केंद्र के हालात को बेहतर करने के लिए सदर विधायक सुद्विय कुमार सोनू का प्रयास शुरू से चल रहा है. लेकिन रह रह कर गड़बड़ी सामने आने के बाद अस्पताल चर्चा में आता है तो सदर विधायक भी परेशान हो जाते है.
जर्जर कमरे में बनता है मरीजों का भोजन
इसी क्रम में बुधवार को जेएमएम के जिला अध्यक्ष संजय सिंह के नेतृत्व में जेएमएम नेताओं ने सदर अस्पताल का दौरा किया. लेकिन जेएमएम की टीम को हैरानी हुआ कि अस्पताल और शिशु केंद्र में खाना बनाने वाले ठेकेदार को सिविल सर्जन ने खाना बनाने का स्थल मातृत्व शिशु स्वास्थ केंद्र में दे रखा. जहां रसोई के लिए अलग व्यस्था ही था. लेकिन सिविल सर्जन के निर्देश को न मानकर ठेकेदार द्वारा पिछले कई महीनों से सदर अस्पताल जर्जर भवन के टूटे कमरे में मरीजों के लिए खाना बनाते रहे. इस दौरान जब टीम इस जर्जर भवन पहुंची, तो पूरा रसोई कमरे का हाल खराब था, मरीजों के लिए बना हुआ चावल खुला रखा हुआ था, सब्जी का क्वालिटी भी इस दौरान खराब दिखा. जबकि सब्जी से भरा बर्तन भी बेतरतीब तरीके से पड़ा हुआ था. कुछ ऐसा ही हाल रसोई घर के बर्तन साफ करने वाले छोटे कमरे का भी दिखा. जहा गन्दगी भरा हुआ था.
टॉर्च की रौशनी में होता है इलाज
रसोई घर का हाल देखने के बाद जेएमएम नेताओ की टीम अस्पताल के ओपीडी पहुंची, ओपीडी का भी नजारा कुछ और ही था. ओपीडी में बैठे डॉक्टर के पास मरीज की भीड़ अधिक थी, लिहाजा, मरीजों को जल्दी जल्दी निपटाने में चक्कर में डॉक्टर हर मरीज का बगैर जांच किए उसकी आवाज सुनकर दवाई लिखते जा रहे थे. इसके बाद जेएमएम नेताओ की टीम सिविल सर्जन से मिलने पहुंची और एक साथ कई शिकायत का पिटारा रखते हुए कहा कि अस्पताल में अक्सर लाइट जाने के बाद डॉक्टर द्वारा मरीज का इलाज अगर टॉर्च की रोशनी में किया जाता है तो ये बेहद अफसोस की बात है और इसमें तत्काल सुधार लाने की जरूरत है..
साहियाओं पर भी लगाया गंभीर आरोप
जेएमएम जिला अध्यक्ष संजय सिंह ने सिविल सर्जन से कहा कि रसोई घर का हाल सबसे अधिक खराब है. इस दौरान सिविल सर्जन ने जानकारी दिया की नया टेंडर होना है, फिलहाल, चार एजेंसियों ने टेंडर डाला है। जानकारी मिलने के बाद जेएमएम नेताओं ने कहा कि टेंडर की प्रक्रिया को ओपन कर देना है. जिसे मरीजों को क्वालिटी पूर्ण खाना मिल सके और भोजन भी सही तरीके से बन सके. टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर भी जेएमएम जिला अध्यक्ष ने सिविल सर्जन को सावधानी के साथ कार्य करने का सुझाव दिया. मौके पर जेएमएम के ही अजीत कुमार पप्पू द्वारा चैताडीह स्वास्थ केंद्र में सहियाहो द्वारा किए जाने वाले मनमानी का चर्चा उठाया. तो महिला डॉक्टर सजना शर्मा, मेधा शर्मा ने बताया की मातृत्व शिशु स्वास्थ केंद्र में गड़बड़ी का कारण सिर्फ सहिया ही है. जो गर्भवती महिलाओं को अलग अलग ग्रामीण इलाको से लेकर चैताडीह शिशु स्वास्थ केंद्र आती तो है लेकिन उन्हें फिर शहर के किसी निजी नर्सिंग होम ले जाती है. इस दौरान जेएमएम नेताओ ने सिविल सर्जन से मातृत्व शिशु स्वास्थ केंद्र में निगरानी रखने का सुझाव दिया.
रिपोर्ट - दिनेश कुमार, गिरिडीह
Recent Comments