रांची(RANCHI): 10 अक्टूबर को हर वर्ष विश्व मानसिक दिवस मनाया जाता है. कोरोना महामारी के बाद व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर भी काफी प्रभाव पड़ा है. फिलहाल, वह प्रभाव अभी भी जारी है. देश में मानसिक स्वास्थ्य पर बात बहुत ही कम होती है. इसलिए जागरूकता के लिए इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2022 काफी अहम है. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूक किया जाता है. डॉक्टर के मुताबिक़, मानसिक तनाव इन दिनों ऐसे भी लोगों में अधिक हो गई है. छोटे बच्चे भी इस बीमारी से अछूते नहीं रहे. इस दिन को इतने बड़े स्तर पर मनाने का सिर्फ और सिर्फ उद्देश्य लोगों के बीच मानसिक सेहत के प्रति जागरूकता फैलाना है.
विश्व मेंटल हेल्थ डे का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 1992 में मानसिक सेहत दिवस मनाने की शुरुआत की थी. इस दिन को मनाए जाने की सलाह वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव यूजिंग ऑडी ने दी थी. विश्व स्तर पर इस दिन को मनाए जाने का मकसद सिर्फ लोगों को मानसिक सेहत के प्रति जागरूक करना है. इसे हर वर्ष एक टीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है. इस वर्ष का थीम मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को वैश्विक प्राथमिकता बनाए रखना रखा गया है.
माहामारी कोरोना के बाद और भी बढ़ा है प्रभाव
कोरोना महामारी ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि हमारा शरीर शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध रखता है, लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग इस पर ध्यान नहीं देते. फिजिकल और मेंटल हेल्थ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. किसी भी एक पहलू को नजरअंदाज करना दूसरे पहलुओं को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है, बड़े-बूढ़े से लेकर स्कूल जाने वाले बच्चे भी इस समस्या से फिलहाल ग्रसित है. इस प्रॉब्लम को छिपाने की जगह उस पर ध्यान देने की आवश्यकता है, वरना आने वाले समय में स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी.
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