सरायकेला (SARAIKELA) - पिछले कुछ महीनों से नक्सलवाद के खिलाफ झारखंड पुलिस लगातार बेहतरीन सफलताएं हासिल कर रही है. अब इस फेहरिस्त में एक बड़ी उपलब्धि आज हाथ लगी है. जहां झारखंड के डीजीपी के निर्देश पर गुप्त रूप से चले अभियान के दौरान एक करोड़ के इनामी नक्सली लीडर व नक्सलियों के थिंक टैंक प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ बुढा, उसकी पत्नी शीला समेत कुछ लोगों को गिरफ्तार किया.

बयान देने से बच रहे हैं पुलिस के अधिकारी

इस नक्सली के पीछे झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा सहित कई राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां चार दशकों से भी ज्यादा वक्त से लगी थी, लेकिन आज तक किशन दा  कभी गिरफ्तार नहीं हुआ था. कुछ वर्ष पहले उसके मौत की भी खबर आई थी, लेकिन वह खबर झूठी निकली थी. कई बार वह नक्सलियों के अभियान के दौरान घिरा भी था. लेकिन वह बच निकला था. अब उसकी गिरफ्तारी की खबर है. वह भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो का सदस्य है. अभी उसकी गिरफ्तारी की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गयी है. कोई भी बड़ा पुलिस अधिकारी इस मसले पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. इस पूरे अभियान की मॉनिटरिंग सीधे झारखंड के डीजीपी द्वारा किया जा रहा है. इस कारण उसकी गिरफ्तारी को लेकर हर कोई बयान देने से बच रहा है.

 बेहद गोपनीय तरीके से हुई गिरफ्तारी

झारखंड पुलिस के डीजीपी को प्रशांत बोस के सरायकेला के रास्ते जाने के बारे में गुप्त सूचना मिली थी.  सूचना मिली थी कि के कुचाई के दलभंगा गांव के पास पति पत्नी छुप कर रह रहे थे.सूत्रों के अनुसार किशन दा की तबियत खराब चल रही थी जिसके इलाज के सिलसिले में सरायकेला आना जाना चल रहा था. प्रशांत बोस की सक्रियता और संगठन में पहुंच पूरे कोल्हान समेत झारखंड के अन्य हिस्सों में थी. इंटेलिजेंस को मिली इस सूचना के बाद बेहद गोपनीय तरीके से छापेमारी टीम तैयार की गई और सरायकेला टाटा मुख्य मार्ग पर बेहद गोपनीय तरीके से झारखंड, बंगाल छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्य के सबसे बड़े नक्सली लीडर एक करोड़ के इनामी प्रशांत बोस, उसकी पत्नी शीला व कुछ अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया गया. वे सभी बिना लाव लश्कर के गाड़ी से सामान्य नागरिक की तरह जा रहे थे. तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया. गिरफ्तार करने के उपरांत उन्हें गोपनीय तरीके से रांची ले जाया गया है, जहां पूछताछ जारी है.

महाराज प्रमाणिक की गिरफ्तारी मील का पत्थर

करीब दो महीने पहले सरायकेला के ईचागढ़ से सरायकेला समेत आसपास के कई जिलों में सक्रिय नक्सली कमांडर महाराज प्रमाणिक की गिरफ्तारी झारखंड पुलिस के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है. महाराज प्रमाणिक से नक्सलियों के खिलाफ मिले इनपुट से न सिर्फ लगातार विभिन्न क्षेत्रों में आईडी बम, असलहा बरामद किया जा रहे हैं, बल्कि कई नक्सली कमांडर व नेता सरेंडर कर रहे हैं. साथ ही गिरफ्तारी भी हो रही है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराज प्रमाणिक के इनपुट के आधार पर ही नक्सली के सबसे बड़े नेता व नक्सलियों के थिंक टैंक प्रशांत बोस की गिरफ्तारी हुई है. महाराज प्रमाणिक के गिरफ्तारी के बाद पिछले कुछ महीनों से झारखंड पुलिस को मिल रही सफलता के आधार पर यह कहा जा सकता है कि कुछ महीनों के भीतर झारखंड पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ काफी सफलता हासिल की है. इससे नक्सलियों की ताकत बेहद कमजोर हुई है.

नक्सलियों का सबसे बड़ा नेता है प्रशांत बोस

प्रशांत बोस उर्फ किशन झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश एवं महाराष्ट्र में 100 से भी ज्यादा नक्सली वारदातों का मास्टरमाइंड माना जाता रहा है. प्रशांत बोस पर कई राज्यों में इनाम घोषित है. पारसनाथ से सारंडा तक प्रशांत बोस को माओवादी कैडर कई नाम से जानते हैं. संगठन में लोग उसे किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बूढ़ा के नाम से पुकारते रहे हैं. प्रशांत बोस पश्चिम बंगाल के 24 परगना का रहने वाला है. उसने टुंडी के नावाटांड़ की आदिवासी महिला शीला से विवाह किया.

रिपोर्ट : जमशेदपुर से अन्नी अमृता के साथ विकास कुमार, सरायकेला