धनबाद (DHANBAD) : झारखंड का धनबाद आतंकियों का नया ठिकाना बन गया है. इससे पहले यहां से आतंकी संगठनों से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जिनसे पूछताछ की गई और फिर छापेमारी की गई तो भूली ओपी इलाके से एक और शख्स को गिरफ्तार किया गया. वह पहले इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन से जुड़ा था और फिलहाल हिज्ब उत तहरीर का संदिग्ध है. इस मामले का जानकारी झारखंड एटीएस ने दी है.

बता दें कि एटीएस को गुप्त सूचना मिली थी कि हिज्ब उत-तहरीर, अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट, आईएसआईएस एवं अन्य प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े कुछ लोग झारखंड के युवाओं को गुमराह कर अपने नेटवर्क में जोड़कर उन्हें अवैध हथियारों के कारोबार एवं देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कर रहे हैं. इसको लेकर एक टीम तैयार की जा रही है. सूचना के सत्यापन के बाद धनबाद के विभिन्न इलाकों की तलाशी ली गई. कई जगहों पर छापेमारी की गई, जिसमें बैंक मोड़ से गुलफाम हसन, अयान जावेद, मोहम्मद शहजाद आलम और शबनम परवीन को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से दो पिस्तौल, लैपटॉप, कई आपत्तिजनक दस्तावेज और आतंकी कहानियों वाली कई किताबें बरामद की गई.

इसके बाद पूछताछ शुरू हुई तो पता चला कि भूली ओपी क्षेत्र निवासी मोहम्मद अमर यासर उम्र 33 वर्ष की गतिविधियां भी संदिग्ध हैं. उसे हिरासत में लिया गया और उसके मोबाइल में प्रतिबंधित संगठन से जुड़े कई दस्तावेज मिले. पूछताछ में अमर यासर ने बताया कि पहले वह इंडियन मुजाहिद्दीन के लिए काम करता था, जिसमें उसे 2014 में प्रज्वलपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. 10 साल जेल में रहने के बाद भी मुझे 2024 में जमानत मिल गई. उसके बाद मैं अपने साथी अयान जावेद और उन आरोपियों के संपर्क में रहकर हिज्ब-उत-तहरीर आतंकी संगठन से जुड़ा रहा.

रिपोर्ट-समीर