गुमला (GUMLA) : जिले में मौजूद हनुमान जी की जन्म स्थली लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. वन विभाग की ओर से इस स्थल पर काफी आकर्षक तरीके से विकास किया जा रहा है, जो इसके धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व के साथ ही इसकी मान्यताओं को भी दर्शाने का काम कर रहा है. इस स्थल के दर्शन के लिए देश के विभिन्न राज्यों से लोगों का लगातार आना-जाना लगा हुआ है. 

माता अंजनी ने यहीं दिया था भगवान हनुमान को जन्म

जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी की दूर है आंजन गांव. यह गांव हनुमान जी की जन्म स्थली के रूप में चर्चित है. इस स्थल पर कई तरह के प्रमाण मौजूद हैं जो इस स्थल के हनुमान जी की जन्म स्थली होने का प्रमाण दे रहे हैं. खूबसूरत पहाड़ों और जंगलों के बीच मौजूद इस स्थल को हाल के दिनों में पर्यटन विभाग की ओर से विकसित करने की पूरी कोशिश की जा रही है. इस स्थल तक आने के लिए सुगम सड़क का निर्माण होने से काफी संख्या में लोग यहां आ रहे हैं. इस स्थल पर मौजूद पहाड़ों के ऊपर एक गुफा में माता अंजनी ने हनुमान जी को जन्म दिया है, जहां आज भी कई तरह के प्रमाण मौजूद हैं. इस गुफा का सम्पर्क कई किमी दूर पालकोट के पर्वतों से था जहां बाली और सुग्रीव रहा करते थे. हालांकि, काफी समय पहले ही सुरक्षा की नजर से गुफा में प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है. इस स्थल पर मौजूद पुरोहितों की माने तो इस गुफा में हनुमान जी को माता अंजनी ने जन्म दिया था. इसी कारण से इस गांव का नाम आंजन धाम पड़ा है. मंदिर के मुख्य पुजारी राजन पैगा की माने तो इस स्थल का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है. इस गुफा में माता अंजनी रहा करती थी. इस गांव मे 365 शिव लिंग, 365 महुआ के पेड़ और 365 तालाब था. एक तालाब में हर दिन माता स्नान पर शिवलिंग की पूजा करती थी. इस गुफा में ही उसी काल खंड में माता अंजनी ने हनुमान जी को जन्म दिया था, जिसके बाद काफी समय तक यह गुफा बन्द था.

एक महिला के सपने में आई थीं माता

कुछ वर्ष पहले गांव की एक महिला को सपने में माता आयी और इस गुफा में होने की बात कही. इसके बाद जब इस गुफा में देखा गया तो माता अंजनी की गोद मे हनुमान जी की दुर्लभ प्रतिमा मिली जो आज तक नहीं देखा गयी थी. उसके बाद से लगातार इस स्थल पर पूजा होने लगी. स्थानीय पुरोहितों ने यह भी बताया कि इस स्थल पर लोग आकर अगर पूरी शुद्धता के साथ मन से पूजा करते हैं तो उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. स्थानीय पुरोहित की मानें तो माता अंजनी जब इस गुफा में थीं, तो उनकी सुरक्षा के लिए शिव के नाग देवता यहां रहते थे, जो अभी भी कभी-कभी दर्शन देते हैं. इस गुफा से हाल के दिनों तक एक अद्भुत सुगंध मिलता थी.

रिपोर्ट: सुशील कुमार सिंह, गुमला