रांची (RANCHI) : रांची सदर अस्पताल में पहली बार लेजर विधि से इलाज कर नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है. चुटिया निवासी 30 वर्षीय महिला सुनीता देवी, जो पिछले कई वर्षों से रीढ़ की हड्डी के अंतिम छोर के पास से पानी आने की समस्या से परेशान थी. इस समस्या से निदान पाने के लिए इस महिला ने कई जगह अपना इलाज करवाया, परंतु इसे इस समस्या से छुटकारा नहीं मिला. कुछ दिनों पहले इस महिला ने सदर अस्पताल के सर्जरी ओपीडी में आ कर लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. अजीत को दिखाया. डॉ अजीत ने जांच करने के बाद यह बताया कि महिला को पिलोनीडल (pilonidal) साइनस है, जिसका इलाज दो तरह से संभव है. एक तो चीरा लगा कर ऑपरेशन के द्वारा और दूसरा बिना चीरा के लेजर विधि के द्वारा.
लेजर विधि के द्वारा इलाज बहुत सहज होता है. इसमें कोई चीरा लगाने की जरूरत नहीं होती है और दाग बनने का भी खतरा नहीं होता है और मरीज इलाज करवा कर उसी दिन अपने घर जा सकता है. परंतु, समस्या यह है कि ये एक खर्चीला इलाज है. प्राइवेट अस्पतालों में इस इलाज पर 30 से 35 हजार का खर्च आता है. इस मरीज के लिए डॉ. अजीत ने "लेसोट्रोनिक्स" कंपनी से बात कर लेजर मशीन मंगवा कर इस मरीज का इलाज बिलकुल ही निःशुल्क किया. लेजर के द्वारा इलाज करने में दो से पांच मिनट का समय लगा और एक बूंद खून भी नही बहा. इलाज के बाद मरीज आराम से अपने घर चली गई. आपको बता दें कि लेजर विधि के द्वारा सदर अस्पताल में पहली बार इलाज किया गया है.
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