रांची (RANCHI) - झारखंड के सभी पेट्रोल पंप मंगलवार को बंद देखे जा रहे हैं . झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने बंदी का आह्वान किया है. बता दें कि एसोसिएशन ने इसकी की घोषणा 3 दिसंबर को प्रेस कांफ्रेंस के जरिए की थी. वहीं इससे राज्य सरकार को लगभग 10 करोड़ से भी अधिक के राजस्व के नुकसान की आशंका जताई जा रही है.

लोगों को परेशानी

झारखण्ड में एक दिन के पेट्रोल पंप बंदी के कारण आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं. पर लोगों ने एसोसिएशन के इस कदम की सराहना की. कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिन्हें  बारे में कोई जानकारी नहीं थी. अब ऐसे में उन्हें अगर कहीं जाने के लिए पेट्रोल चाइये और वो पेट्रोल पंप पहुंच रहे हैं तो उन्हें निराशा ही हाथ लग रही हैं. हालांकि किसी एमर्जेन्सी में एम्बुलेंस को पेट्रोल ज़रूर दिया जा रहा है. जो एक राहत की बात हैं. बाइक सवार अमित पाठक ने कहा कि पिछले कुछ समय से पेट्रोल की कीमत में हो रही वृद्धि से घर का बजट बिगड़ गया है. बताया कि पहले से जानकारी नहीं होने के कारण हड़ताल तो थोड़ी परेशानी हुई. वहीं शिक्षक इंदू श्रीवास्तव ने कहा कि कई राज्य सरकारों ने काफी पहले वैट कम करके आमलोगों को राहत दी थी. झारखंड में भी यह कदम पहले ही उठाया जाना चाहिए.   

ये हैं एसोसिएशन की तीन मांग

बता दें कि 3 दिसंबर को झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव को दिया था. लेकिन इस ज्ञापन पर सरकार चुप बैठ गई है. ऐसोसिएशन के मुताबिक,  ऐसे में उनके पास हड़ताल ही एक रास्ता बचा है. एसोसिएशन अपनी प्रमुख तीन मांगों पर हड़ताल कर रहा है. पहली  मांग है कि राज्य सरकार वैट  को राज्य में 22% से घटाकर 17% करे. झारखंड में बायोडीजल की हो रही अवैध बिक्री को बंद कराए  पेट्रोल पंप का जो बकाया सरकार के पास है, उसका भुगतान तुरंत किया जाय.. VAT कम होने से पेट्रोल के दामों में गिरावट आएगी और लोगों को minimum कीमत में पेट्रोल मिल पायेगा. जिससे सर्कार को भी लगातार राजस्व मिलता रहेगा.