रांची (RANCHI) पेट्रोल-डीजल की कीमत को लेकर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बयानों में तल्खी दिखी. मंगलवार को जब उनसे पूछा गया कि राज्यभर में पेट्रोलपंप बंद रहे तो उन्होंने कहा कि एक दो पेट्रोल पंप खुले रहे. वित्त मंत्री ने कहा कि वैट राज्य सरकार का अधिकार है. वैट कब घटाया जाए, यह राज्य सरकार तय करेगी. गौरतलब है कि मंगलवार को राज्यभर में पेट्रोलपंप पर 12घंटे का राज्यव्यापी हड़ताल रहा.
"वित्त मंत्र अकेले पूरी सरकार नहीं"
वित्त मंत्री के बयान पर जब झारखंड पेट्रोलियम डीजल एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वित्त मंत्र अकेले पूरी सरकार नहीं हैं. अशोक सिंह ने आगे कहा कि रामेश्वर उरांव जब प्रदेश अध्यक्ष थे, तो उन्होंने कहा था कि VAT घटाएंगे.अब मैं झामुमो के सुप्रीमो से भी मिलूंगा सभी विधायक सभी सांसदों से से मिलकर अपनी बात को रखूंगा.सरकार के लिए आज का बंदी आईओपेनर होगा.हमलोगों ने कमिटी बनाने की मांग की थी.
घट गई बिक्री
बहरहाल, मंत्री के बयान के बाद इतना तय है कि डीजल-पेट्रोल पर वैट को लेकर डीलर और सरकार के बीच का तकरार जल्दी खत्म नहीं होने वाली. इससे डीलर को तो नुकसान होगा ही, सरकार के राजस्व में भी हानि तय है. बता दें कि जब पेट्रोल पर VAT 20 प्रतिशत था तब आम लोगों की जेब पर भी उतना भारी नहीं था. सरकार को भी अच्छे खासे राजस्व की प्राप्ति होती थी. सरकार ने विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में बताया है कि 2015 में 20 प्रतिशत से वैट को बढ़ा कर 22 प्रतिशत किया गया था. लेकिन 2020 में इस वैट में एक और बदलाव किया गया. इसके मुताबिक डीजल पर 22 प्रतिशत या 12.50 रुपए में जो भी अधिक पाया जाता है सरकार उस वैट की वसूली करती है. वहीं पेट्रोल पर 22 प्रतिशत या 17 रुपए में जो अधिक होता है, उस वैट को वसूला जाता है. इन आंकड़ों को ध्यान में रखकर डीजल की बिक्री की बात करें तो 2015-16 में डीजल की बिक्री 16.41 लाख किलोलीटर थी जो 2020-21 में घटकर 9.52 लाख किलोलीटर हो गई.
रिर्पोट: रंजना कुमारी (रांची)
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