देवघर(DEOGHAR): 2022 के नए वर्ष की शुरुआत हो चुकी है. नव वर्ष की आज सभी ओर धूम मची है. सभी अपने-अपने तरीके से नव वर्ष का स्वागत कर रहे हैं और इसका भरपूर मज़ा उठाने की कोशिश में हैं. नव वर्ष के अवसर पर आज देवघर मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालू पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक कर अपने और अपने परिवार की मंगल कामना कर रहे हैं. कोरोना नियमों का पालन करते हुए लोग जलार्पण कर रहे हैं. नए वर्ष के अवसर पर देवघर के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित और अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित दुर्लभ मिश्रा ने बताया कि 2022 का नव वर्ष कैसा रहेगा?

क्या कहा पंडित दुर्लभ मिश्रा ने ?

पंडित दुर्लभ मिश्रा ने बताया कि सनातन धर्म सूर्य की गति के अनुसार भविष्य बताता है. सूर्य की गति 25 दिसंबर से उतरायण की ओर मुड़ने लगती है. इसके कारण मंगल कार्य शुरू करने का शुभ समय आता है. इन्ही महटवपूर्ण मंगल कार्यों के बीच एक जनवरी का दिन भी आता है. सनातन धर्म के अनुसार एक जनवरी 2022 को मास शिवरात्रि है. इसके साथ ही शनिवार के कारण चतुर्दर्शी सिद्धि योग का भी है. सिद्धि योग का मतलब यह कि ऐसे काम जिन्हें पूरा होने में संशय है, वे पूरे होते हैं. पंडित दुर्लभ मिश्र ने कहा कि इस बार निश्चित रूप से कोरोना से निवृत होगा और शांति का प्रवाह होगा. चारों ओर सुख समृद्धि का दौर आएगा. कष्ट का दौर खत्म हो गया. विगत दो वर्ष संकटमयी था. इस वर्ष सब कुछ मंगलमयी होगा. पंडित दुर्लभ मिश्रा द्वारा की गई भविष्यवाणी सच हो यही हमारी कामना है और सभी का नव वर्ष सुखमयी हो.

रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा, देवघर