रांची (RANCHI) : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार को याद दिलाई है कि कोयला खनन क्षेत्र के राजस्व से संबंधित बकाया राशि अभी तक नहीं मिली है. सोशल मीडिया पर कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी को लिखे पत्र को शेयर करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि बीसीसीएल ,ईसीएल और सीसीएल कोयला खनन क्षेत्र में वर्षों से राजस्व की राशि बकाया है. यह लगभग 1.36 लाख करोड़ रुपए है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट सत्र के अंतिम दिन अपने डेढ़ घंटे के भाषण में इसका उल्लेख भी किया और केंद्र सरकार को आरोपी कर बनाते हुए कहा कि इतनी बड़ी राशि झारखंड का कोल इंडिया लिमिटेड के पास है. कई बार इस संबंध में राज्य सरकार और संबंधित जिला खनन विभाग के द्वारा सीआईएल को पत्र भी लिखा गया. लेकिन वैधानिक तरीके से राजस्व का भुगतान नहीं किया जा रहा है.

 

झारखंड का कोयला खनन के क्षेत्र में पूरे देश में 80% योगदान

झारखंड सरकार इस संबंध में लगातार भारत सरकार को आग्रह पत्र भेजती रही है .लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला है . यह झारखंड की जनता के साथ छलावा है. झारखंड कोयला खनन के क्षेत्र में पूरे देश में 80% योगदान देता है. यहां के लोग खनन कार्यों से प्रभावित हैं. उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता रहा है. इसके अलावा क्षेत्र का विकास भी नहीं हो पाता है. इसलिए बकाया भुगतान शीघ्र किया जाए. मुख्यमंत्री ने विधानसभा में यह बयान भी दिया था कि अगर झारखंड के हक को अनदेखा किया जाएगा तो राज्य सरकार मजबूरी में कड़े निर्णय ले सकती है. झारखंड के कोयले से देश के अन्य राज्यों में रोशनी होती है लेकिन झारखंड इसके लाभ से वंचित रहता है.