रांची-राज्यसभा चुनाव का चुनाव जल्द होने वाला है.झारखंड की दो सीटों पर चुनाव होंगे.भाजपा के नेताओं के लिए एक सीट ही बनती है.इस एक सीट के लिए भाजपा के प्रदेश स्तर के कई नेता दिल्ली दरबार की दौड़ लगा रहे हैं.वैसे टिकट तो किसी केंद्रीय नेता को भी मिल सकता है.भाजपा 2016 में मुख्तार अब्बास नकवी और महेश पोद्दार को राज्यसभा भेजी थी.संयोग ऐसा था कि दोनों सीटें भाजपा के खाते में गईं.इस बार ऐसा संयोग नहीं है.विधानसभा में भाजपा का संख्या बल उतना नहीं है.एक सीट के लिए भी कम से कम दो अन्य वोट का जुगाड़ करना होगा.

भाजपा के लिए एक सीट सीट निकलना बहुत कठिन काम नहीं है.अब रही बात कि कौन हो सकता है भाजपा का प्रत्याशी .इस पर भाजपा नेताओं के बीच चर्चा तेज है.पहले हम समझते हैं कि रघुवर दास का संयोग कैसा है.वे भी प्रत्याशी हो सकते हैं.लेकिन उनके लिए वोट का इंतजाम करना थोड़ा कठिन है.सुदेश महतो के नेतृत्व में बना तीसरा मोर्चा एक रोड़ा बन कर खड़ा हो गया है.इसमें रघुवर के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी भी हैं.

                 जानकार बताते हैं कि इस बार राज्यसभा के लिए रघुवर दास पर विचार किया जा रहा है.भाजपा आलाकमान के नजदीकी सूत्रों के अनुसार रघुवर दास को मध्य प्रदेश या उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजा जा सकता है.दोनों राज्यों में झारखंड की तरह वहां भी सीटें खाली हो रही हैं.अब बात करते हैं प्रदेश स्तर के नेताओं की संभावनाओं पर.भाजपा के नजदीकी सूत्रों के अनुसार प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ,प्रदीप  वर्मा भी खूब दौड़ लगा रहे हैं.आदित्य साहू को लगता है कि वे आजसू के वोट का जुगाड़ कर लेंगे.इससे उनकी राह आसान हो जाएगी.

प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा के बारे में कहा जा रहा है कि संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह के माध्यम से उनकी कोशिश तेज है.प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश अभी सबकुछ देख रहे हैं.राज्यसभा के टिकट में अगर भाजपा आलाकमान ने ऊपर से किसी पैराशूट प्रत्याशी नहीं दिया तो फिर राज्य के नेताओं का हिसाब लग सकता है.अगर राज्य स्तर से किसी को प्रत्याशी बनाने की बात हुई तो फिर दीपक प्रकाश,बाबूलाल मरांडी और धर्मपाल सिंह की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.