रांची(RANCHI): झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज और शेल कंपनी मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ व जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल, महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने कोर्ट के समक्ष सुनवाई की. झारखंड सरकार का पक्ष रखते हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने राजनीति से प्रेरित बातें बताते हुए याचिका खारिज करने की मांग की.
ईडी मामले की जांच करने के लिए स्वतंत्र
ED की ओर से वरीय अधिवक्ता तुषार मेहता और CBI की ओर से ASGI प्रशांत पल्लव एवं अधिवक्ता पार्थ जालान ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा. Ed के अधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा की खनन लीज हेमंत सोरेन के कार्यकाल में आवंटित हुआ है. इसलिए यह मामला आगे चलना चाहिए. पक्ष को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ईडी मामले की जांच करने के लिए स्वतंत्र है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से कहा है कि जनहित याचिका की विश्वसनीयता को तय करे.
कपिल सिब्बल ने मांगा कोर्ट से और समय
सुनवाई के दौरान कोर्ट में झारखण्ड के महाधिवक्ता राजीव रंजन मिश्र, वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतोगी और हाईकोर्ट के अधिवक्ता अमृतांश वत्स कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए. वहीं सरकार की ओर से उपस्थित वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अगली सुनवाई के लिए कोर्ट से समय देने का आग्रह किया. जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 जून की तारीख तय की है.
रिपोर्ट: रंजना कुमारी, रांची
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