रांची(RANCHI):  झारखंड साइबर अपराधियों का अड्डा बन गया है. पैसे और शो ऑफ के लालच में पढे लिखे युवा साइबर अपराध की काली दुनिया में पैर रख रहे है. अब एक ऐसे मामले का खुलासा हुआ है.  जिससे पुलिस भी चौक गई है.सीआईडी ने जब रेड किया तो सात लोग पकड़े गए. इसमें चौकाने वाली बात ये रही की सभी चीन के साइबर अपराधी के एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे. गिरफ्तार अपराधियों के पास से कई सामान भी बरामद किए गए है. साथ ही पूछताछ में कई खुलासे हुए है.

सीआईडी की ओर से बताया गया कि सीआईडी के साइबर थाना में एक मामला आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया. जिसके बाद जांच शुरू की गई. टेक्निकल आधार और गुप्त सूचना पर जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के ओलिव गार्डन होटल में छापेमारी की गई. जब सीआईडी की टीम होटल के कमरे में पहुंची. पहले तो साइबर अपराधियों ने देर से दरवाजा खोला. इसके बाद जब पूछताछ की गई तो सभी खुद को स्टूडेंट बताने लगे.

इसके बाद जब तलाशी ली गई तो इसमें कई सामान और दस्तावेज मिले. इसके बाद जानकारी मिली की डिजिटल अरेस्ट और अन्य तरीके से सभी साइबर फ्रॉड  लोगों को शिकार बनाते है. साथ ही यह जानकारी मिली की ये लोग चीन के साइबर अपराधी के एजेंट के तौर पर काम कर रहे है. गिरफ्तार साइबर अपराधी भारत से म्यूल बैंक खाता यहाँ से चीन में बैठे साइबर अपराधी को ट्रांसफर करते थे.

साथ ही सभी के मोबाईल फोन में व्हाट्सअप और टेलीग्राम चैट में कई जानकारी हाथ लगी. चैट में दिखा कि कई मोबाईल apk भी चीन से भेजा जा रहा था. जिसके जरिए लोगों को शिकार बनाते थे. गिरफ्तार साइबर अपराधियों के ऊपर देश के अलग अलग थाना में कई मुकदमे दर्ज है. साथ ही NCRP के पोर्टल में 68 शिकायत दर्ज है.  

गिरफ्तार अपराधियों में दीपक कुमार, सौरभ कुमार, प्रभात कुमार, लखन चौरसिया, शिवम कुमार, अनिल कुमार, प्रदीप कुमार  शामिल है. सभी बिहार और मध्य प्रदेश के रहने वाले है. इनके पास से 12 मोबाईल फोन,11 सिम,14 एटीएम,01 लैपटॉप,01 चेकबूक और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए है.