धनबाद (DHANBAD) : प्रशांत किशोर ने बिहार में हुए एसआईआर को ही सवालो के घेरे में खड़ा कर दिया है. जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग का नोटिस मिलने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने चुनाव आयोग को ही निशाने पर ले लिया है. उनका कहना है कि अगर चुनाव आयोग कह रहा है कि मेरा नाम दो जगह पर मतदाता के रूप में है, तो बिहार में एसआईआर हुआ, ऐसे में नाम कैसे नहीं काटा गया. उन्होंने कहा है कि मैं 2019 में बिहार की करगहर विधानसभा क्षेत्र का मतदाता हूं, 2 साल तक जब मैं कोलकाता में था ,तो मैं वहां अपना मतदान पहचान पत्र बनवाया था.
दावा-2021 से मतदान पहचान पत्र कारगहर विधानसभा क्षेत्र का है
2021 से मेरा मतदान पहचान पत्र कारगहर विधानसभा क्षेत्र का है. अगर चुनाव आयोग की बात को सही माना जाए, तो फिर एसआईआर के बाद भी दो जगह पर नाम कैसे रह गया? दो वोटर आईडी के मामले में प्रशांत किशोर को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है. आरोप है कि उनका नाम बिहार और पश्चिम बंगाल के वोटर लिस्ट में दर्ज है, जो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के तहत गलत है.
प्रशांत किशोर को तीन दिनों में जवाब देने को कहा गया है
उन्हें तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है. वही, इस मामले पर जान सुराज पार्टी की सफाई है कि प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल वाले वोटर आईडी को रद्द करने के लिए पहले ही आवेदन दे दिया था. अब तक चुनाव आयोग की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. पार्टी का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति अपने काम या व्यवसाय के लिए किसी दूसरे राज्य में रहता है, तो वह वहां वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा सकता है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो

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