दुमका(DUMKA): एक तरफ झारखंड सरकार राज्य स्थापना की रजत जयंती की तैयारी में जुटी है तो दूसरी तरफ अलग राज्य के लिए आंदोलन करने वाले झारखंड आंदोलनकारी आंदोलन की रणनीति बनाने में जुटे हैं. दुमका के गांधी मैदान में झारखंड आंदोलनकारी क्रांतिकारी मोर्चा का प्रमंडलीय सम्मलेन संपन्न हुआ. कार्यक्रम में संथाल परगना प्रमंडल के सभी 6 जिलों से काफी संख्या में झारखंड आंदोलनकारी एकत्रित हुए. कार्यक्रम के पश्चात जुलूस की शक्ल में गांधी मैदान से दुमका समाहरणालय पहुंचे और सीएम के नाम डीसी को मांगपत्र सौंपा.
मीडिया से बात करते हुए मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष जर्मन बास्की ने कहा कि सरकार द्वारा गठित आयोग ने झारखंड आंदोलनकारी को चिन्हित करते हुए तीन केटेगरी में बांट दिया है. इस वजह से अलग झारखंड राज्य की लड़ाई लड़ने वाले वैसे आंदोलनकारी जो जेल गए उन्हें पेंशन दिया जा रहा है जबकि वैसे आंदोलनकारी जो जेल से बाहर रहकर आंदोलन को धारदार बनाया उन्हें सिर्फ प्रशस्ति पत्र दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा चिन्हित झारखंड आंदोलनकारी की सूची में ऐसे कई लोगों को जगह नहीं मिला जो अलग राज्य निर्माण के लिए चलाए गए आंदोलन के दौरान जेल भी गए है.
झारखंड आंदोलन क्रांतिकारी मोर्चा की मांग है कि कैटेगरी को समाप्त करते हुए सभी चिन्हित झारखंड आंदोलनकारियों को पेंशन दिया जाए. इसके अलावे चिन्हित झारखंड आंदोलनकारी के आश्रितों को तृतीय एवं चतुर्थ वर्गों में सीधी नियुक्ति, सीएम सृजन रोजगार योजना के तहत चिन्हित झारखंड आंदोलनकारी को रोजगार के लिए कम ब्याज पर 25 लख रुपए देने, घर बनाने हेतु पांच कट्ठा जमीन बंदोबस्त करने, स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने, सभी जिला मुख्यालय में समाहरणालय परिसर में दिसोम गुरु शिबू सोरेन की प्रतिमा लगाने सहित इनकी कई मांग शामिल है.

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