रांची (RANCHI): रांची में 10 जून को हुई हिंसा मामले पर झारखंड हाईकोर्ट ने अपनी मौखिक टिप्पणी में राज्य सरकार को फटकार लगाई है. मामले में नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से साफ पूछा है कि क्यों न इसकी जांच अब सीबीआई से कराई जाए. हाईकोर्ट के जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण की बेंच ने आज सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले की जांच पहले एसआईटी, फिर सीआईडी से कराई गई, लेकिन कोई प्रगति नहीं दिखी.

सरकार की ओर से रखा गया पक्ष

अदालत में सरकार की ओर से अपना पक्ष रखते हुए कहा गया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश के मुताबिक ऐसे मामले में सीआईडी या अन्य विशेषज्ञ जांच एजेंसी से जांच कराई गई है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि जहां कहीं भी घटना में पुलिस की कार्रवाई में किसी व्यक्ति के घायल या मौत हो जाए, तो उस घटना की जांच सीआईडी या अन्य विशेषज्ञ जांच एजेंसी से कराई जाएगी. कोर्ट ने राज्य सरकार के इस तर्क को सुनकर पूछा है कि वर्ष 2010 से अब तक इस तरह के कितने मामले सीआईडी को भेजे गए हैं. इसकी जानकारी डीजीपी को पूरक शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को दी जाए.

क्या है मामला

भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा ने एक टीवी डिबेट में पैगंबर मोहम्मद के विरुद्ध एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसके विरोध में 10 जून को बिना किसी अनुमति के अल्पसंख्यक वर्ग की बड़ी भीड़ रांची के मेन रोड पर प्रदर्शन के लिए उतर गई थी. पत्थरबाजी के बाद पुलिस ने गोली चलाई थी, जिससे दो लड़के की मौत हो गई थी. तब पुलिस पर कई सवाल उठे थे कि पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था क्यों नहीं की थी.