रांची(RANCHI)- राज्य के विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर और लेक्चररों के खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए राज्यपाल राज्य सरकार पर दवाब बनायें. दरअसल राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन विनावा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग में कुलपतियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थें. यहां बता दें झारखंड में इस प्रकार का यह पहला आयोजन है.
कुलपतियों के इसी सम्मेलन में उनके समक्ष राज्य के विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर और लेक्चररों के खाली पड़े पदों का मामला उठा. जिसके जवाब में उनके द्वारा इस पदों पर नियुक्ति के लिए राज्य सरकार पर दवाब बनाने की बात कही गयी.
कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट पर राज्यपाल का जवाब
इस दौरान उनके सामने छात्रों का प्रर्दशन और कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट का मामला भी उठाया, राज्यपाल के द्वारा इसे प्रतिभावान छात्रों के लिए एक बेहतर विकल्प कहा गया कि हमें सिस्टम के अन्दर रहकर ही सुधार करना है, यदि उच्च शिक्षा में सुधार करना है तो हमें अभी और कई सुधारों का सामना करना पड़ेगा. कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट भी उसी का एक हिस्सा है. इससे साथ ही हमें सही समय पर मैट्रिक और इंटर की परीक्षाओं का आयोजन भी करवाना होगा, ताकि विश्वविद्यालों का एकेडमिक कैलेंडर प्रभावित नहीं हो सके. क्योंकि इसमें देरी से विश्वविद्यालों का शैक्षणिक कैलेंडर प्रभावित हो जाता है.
पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने सरकार को दिया था निर्देश
यहां बता दें कि पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने भी विश्वविद्यालों में खाली पदों पर अपनी चिंता व्यक्त की थी, साथ ही उनके द्वारा इस मामले में तात्कालीन जेपीएससी अध्यक्ष अमिताभ चौधरी को निर्देश भी दिया गया था, रांची विश्वविद्यालय, विनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय, सिद्दू कान्हु विश्वविद्यालय, नीलाम्बर पिताम्बर विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, विनोवा भावे विश्वविद्यालय सहित में खाली पदों पर नियुक्ति करवाने की बात कही गयी थी. बताया जाता है कि इन राज्य के इन विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों के सैंकड़ों पर खाली पड़े हैं, जिसके कारण छात्रों का पठन-पाठन की समस्या का सामना कर पड़ रहा है. खुद सरकार के द्वारा भी बार-बार इन पदों को भरने की बात की जा रही है. लेकिन हर बार किसी ना किसी कारण से मामला लटकता रहा है.
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