चाईबासा(CHAIBASA): पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और सांसद गीता कोड़ा के कड़े रुख के बाद पेयजल एवं स्वच्छता विभाग जागा है. विभाग के अधिकारियों को फटकार मिलने के बाद बाईहातु आसन्न ग्रामीण जलापूर्ति योजना से छोटानागरा पंचायत के तमाम गांवों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति शुरू हो गई है. जिसके बाद ग्रामीणों ने पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और सांसद गीता कोड़ा के प्रति आभार व्यक्त किया है. उल्लेखनीय है कि मधु कोड़ा और गीता कोड़ा ने 14 जुलाई को बाईहातु में संचालित आसन्न ग्रामीण जलापूर्ति योजना के फिल्टर की जांच करवाई थी. जांच में पाया गया था कि नदी के लाल व दूषित पानी को बिना फिल्टर किये उक्त पंचायत के दस गांवों में आपूर्ति की जा रही है.

दरअसल, जांच में पाया गया था कि पानी फिल्टर करने के लिए फिटकरी का स्लैब मात्र चार पीस और चूना दो बोरी है. 24 घंटे में फिटकरी का दो स्लैब इस्तेमाल होता है, इसके अलावा चूना व फिटकरी को मिलाने वाली मशीन में लगा मोटर भी महीनों से खराब है. इस अराजकता व लापरवाही को देख फिल्टर प्लांट से ही मधु कोड़ा ने उक्त विभाग के कार्यपालक अभियंता को फोन कर जमकर फटकार लगाई थी. वहीं, सांसद ने मामले को संसद में उठाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी ग्रामीण जब दूषित पानी पीकर बीमार होकर मरने को मजबूर होंगे, तो इससे दुर्भाग्य की बात कुछ नहीं हो सकती है.

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पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि अब बाईहातु जलापूर्ति योजना से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति प्रारंभ हो गई है. विभागीय पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि गंगदा, जराईकेला समेत पश्चिम सिंहभूम जिले के तमाम जलापूर्ति योजना से की जाने वाली सप्लाई पानी की नियमित जांच बरसात के मौसम में विशेष रूप से की जाए व लोगों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. इसके अलावा छोटानागरा समेत सारंडा के विभिन्न पंचायतों के गांवों में निरंतर चिकित्सा शिविर लगाकर ग्रामीणों को मलेरिया समेत विभिन्न बीमारियों से होने वाली मौत से न सिर्फ बचाएं, बल्कि उन्हें स्वस्थ करें. ऐसा नहीं होने पर उन्होंने अधिकारियों को गंभीर परिणाम भुगतने की बात कही है.

रिपोर्ट: संतोष वर्मा, चाईबासा