धनबाद (DHANBAD) : चूहों की आड़ लेकर धनबाद के शराब दुकानदारों ने खुद के पैर में कुल्हाड़ी मार ली है. मामला इतना अधिक चर्चित हो गया है कि अब जांच भी तेज हो सकती है. वैसे, झारखंड में शराब धनबाद से लेकर रांची तक के अधिकारियों को परेशान कर दिया है. धनबाद में तो चौंकाने वाला तर्क दिया गया है. स्टॉक जब कम मिला तो कह दिया गया कि चूहे शराब पी गए है. धनबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में ऑडिट का काम पूरा हो गया है. अब शहरी क्षेत्र की बारी है. आशंका व्यक्त की जा रही है कि ग्रामीण क्षेत्र से अधिक गड़बड़ी शहरी क्षेत्र की दुकानों में मिल सकती है. लेकिन यह तो ऑडिट टीम की जांच के बाद ही पता चलेगा.
धनबाद में है कुल 140 शराब की दुकानें
जानकारी के अनुसार धनबाद जिले में अंग्रेजी शराब की 69, मिश्रित की 49 और देसी शराब की 22 दुकान है. यह दुकान उत्पाद विभाग के अधीन है. विभाग की ओर से दुकानों में शराब की सप्लाई की जाती है, लेकिन संचालन का जिम्मा एक निजी एजेंसी को दिया गया था. एजेंसी ने तमाम दुकानों में अपने सेल्समैन नियुक्त किए थे. एजेंसी का कार्यकाल 30 जून की रात 10 बजे समाप्त हो गया. उसके बाद विभाग ने सभी दुकानों को अपने अधीन लेने की प्रक्रिया शुरू की है. इसी क्रम में ऑडिट कराया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों की ऑडिट में जब स्टॉक कम मिला तो अजब-गजब तर्क दिए गए. इससे एक बड़ा खुलासा हुआ है. खुलासे के अनुसार धनबाद के चूहे देसी कम और विदेशी शराब अधिक पीते है.
चूहों पर ढक्कन चबाने का भी है आरोप
बोतल के ढक्कन को चबा डालते है. पहले भी धनबाद के चूहे गांजा और भांग खा चुके है. लेकिन हाल में उन लोगों ने विदेशी शराब पीकर सरकारी शराब दुकानों के आंकड़े को ही बिगाड़ दिया है. धनबाद के चूहे एक दो नहीं, बल्कि 800 बोतल शराब पी गए है. यह शराब धनबाद के चूहे पिए है अथवा दुकान चलाने वाले, अब तो दोनों को जब आमने-सामने किया जाएगा, तभी इस बात का खुलासा हो पाएगा. लेकिन अभी तक के दावे के मुताबिक 800 बोतल शराब चूहा गटक गए है. सूत्रों के अनुसार धनबाद के शराब कारोबारियों ने गायब स्टॉक को बराबर करने के लिए चूहों का सहारा लिया है और चूहों पर 800 बोतल शराब पीने का आरोप लगा दिया है.
चूहों के शराब पीने का तर्क अब पड़ने जा रहा भारी
वैसे तो कारोबारियों ने खुद के बचने के लिए यह बात कही, लेकिन अब यह उनका बचाव ही उनके लिए आगे चलकर "काल' बनेगा. इस कांड को लेकर पूरे झारखंड में धनबाद की चर्चा है. चूहों पर शराब पीने का आरोप पहली सितंबर से नई शराब नीति लागू होने से पहले आया है. दरअसल, नीति लागू होने से पहले राज्य प्रशासन शराब के स्टॉक की जांच कर रहा है. इस अभियान के तहत धनबाद के बलियापुर और प्रधान खंता क्षेत्र की दुकानों की जांच की गई. जांच में पता चला कि 800 शराब की बोतलों में या तो शराब कम थी या फिर बोतल लगभग खाली थी. जब दुकान संचालकों से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने शराब पीने का आरोप चूहों पर लगा दिया.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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