टीएनपी डेस्क(TNP DESK):झारखंड के बोकारो जिले में DMFT कोष यानी जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट घोटले का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है.क्योंकि झारखंड हाई कोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कड़ी टिप्पणी की है. राज्य सरकार से इस घोटाले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.अदालत की ओर से सरकार को साफ तौर पर, संदेश दिया गया है कि किसी भी हाल में खनिज क्षेत्र के विकास के लिए बने फंड में घोटाला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अगर जांच में कोई भी अधिकारी दोषी पाया जाता है तो अदालत की ओर से कठोर सजा दी जाएगी और किसी को भी हाल में बक्शा नहीं जाएगा. जिससे अधिकारियों में हडकंप मचा हुआ है.
IAS अधिकारी विजया जाधव की बढ़ सकती है मुश्किल
वहीं अगर मामले की जांच आगे बढ़ती है तो बोकारो की युवा महिला IAS अधिकारी विजया जाधव की मुश्किल बढ़ सकती है, क्योंकि जिस समय कथित गड़बड़ियां हुई, उस वक़्त बोकारो ज़िला की डीसी IAS विजया जाधव ही थी.
सवालों के घेरे में है विजय यादव की भूमिका
राशि के वितरण में परदर्शिता नहीं बरती जाने की वजह से भारी घोटाला हुआ जिसके खिलाफ लोगों ने आवाज उठाई थी. जिस पर झारखंड उच्च न्यायालय ने अब दखलंदाजी की है और कड़ी टिपण्णी करते हुए कहा है कि जो भी इसमें दोषी पाये जायेंगे उन पर कार्रवाई होगी. ऐसे में विजया यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि वे उस वक़्त बोकारो की डीसी थी तो सारी जिम्मेदारी उनकी ही बनती थी. उनके रहते हुए अगर गड़बड़ियां हुई तो फिर उन पर गाज गिर सकती है.
जानिये क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि बोकारो के खनन प्रभावित क्षेत्रों में विकास के लिए DMFT कोष के द्वारा करोड़ों रुपये का आवंटन किया गया था. वहीं अब इस बात का ख़ुलासा हुआ है कि पैसे के ख़र्च में काफ़ी ज़्यादा अनिमियाता की गई थी. जिसकी योजनाओं की निगरानी भुगतान और अन्य चीजों में पारदर्शिता बिल्कुल नहीं बरती गई थी जिसका परिणाम है कि इसमे काफी ज्यादा गड़बड़ियां हुई.
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