धनबाद (DHANBAD) : धनबाद की "लाइफ लाइन" नया बाजार फ्लाईओवर बिहार में भी था और झारखंड में भी है. बिहार में था तो "जवान" था, ताकतवर था, झारखंड में आते-आते इसकी हड्डियां कमजोर हो गई. पाए  कमजोर हो गए, इसकी आयु को लेकर सवाल खड़े किए जाने लगे. खैर, देर से ही सही, लेकिन इस फ्लाईओवर को जीवनदान मिलने की अब संभावना बढ़ गई है.  मंगलवार से फ्लाईओवर को वन वे कर इसकी बचे हुए रिपेयरिंग कार्य को पूरा किया जाएगा. इस काम में 20 से 25 दिन का समय लग सकता है. इस दौरान बैंक मोड की ओर से आने वाले वाहन स्टेशन की ओर आ सकेंगे, लेकिन रणधीर वर्मा चौक, सिटी सेंटर से स्टेशन की ओर जाने वाले वाहन हीरापुर हटिया, बरमसिया होते हुए बैंक मोड़ जा सकेंगे.  

स्कूली वाहनों को आवागमन में दी गई है रियायत 

स्कूली वाहनों को आवागमन में रियायत दी गई है. फिलहाल इस फ्लाईओवर के वन वे होने के पहले वैकल्पिक मार्ग से अतिक्रमण हटाया गया. इसमें निगम और रेलवे भी शामिल थे. यह पुल 1972 में बना था. उसके बाद से मरम्मत के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. फ्लाई ओवर की मरम्मत का काम तो पहले से चल रहा है लेकिन निचले हिस्से का काम पूरा होने के बाद अब ऊपरी भाग की  मरम्मत का काम शुरू हुआ है. इस फ्लाईओवर पर लोड एक बड़ी परेशानी है. इसी वजह से इसे  "लाइफ लाइन" का नाम दिया गया है. इस पुल का उद्घाटन तत्कालीन बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नरसिंह बैठा ने 20 अगस्त 1972 को किया था.  बता दें कि जब इसका निर्माण हुआ था तब जिले की आबादी इतनी अधिक नहीं थी लेकिन आज आबादी 29 लाख से आगे बढ़ गई है. उसी अनुपात में गाड़ियों की संख्या भी बढ़ी है, लेकिन जिले को एक छोर से दूसरे छोर तक जोड़ने के लिए किसी भी अन्य पुल का निर्माण नहीं हुआ है.

तीन दिनों तक ट्रैफिक रोक हुई थी लोड जांच 

इस पुल की महत्ता इससे भी आंकी जा सकती है कि पिछले साल जब ओडिशा की सुबुद्धि कंसल्टेंसी ने 3 दिनों तक ट्रैफिक रोक कर इसकी जांच की थी, तो शहर में ट्रैफिक को लेकर कोहराम मच गया था. लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी हुई, जानकार बताते हैं कि कई बार पुल को लेकर खतरे की बात सरकार तक पहुंचाने के बाद पिछले साल काफी जद्दोजहद के बाद इसकी लोड टेस्टिंग हुई. ओडिशा की सुबुद्धि कंसलटेंसी की टीम ने इसकी टेस्टिंग की थी. यह टेस्टिंग 30 सितंबर की रात 12:00 बजे से 4 अक्टूबर की सुबह तक हुई थी.ओवर ब्रिज के बीचो बीच 25-25 टन का वजन रखकर लोड टेस्टिंग की गई थी. लोड टेस्टिंग में पुल को खतरा बताया गया था और एक्सपर्ट की राय थी कि ओवर ब्रिज के सभी बेयरिंग और ज्वाइट को बदल दिए जाएं, इसके अलावा माइक्रो कंकरीट ग्राफ्टिंग हो जाए तो  इसका जीवन 25 साल तक बढ़ सकता है. इसमें करीब एक करोड़  का खर्च बताया गया था. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो