रांची(RANCHI) :राजधानी रांची में सिरमटोली फ्लाईओवर का मामला अभी भी शांत नहीं हुआ है. पूर्व में भी सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप और सरना स्थल के विवाद को लेकर अलग-अलग आदिवासी संगठनों द्वारा धरना-प्रदर्शन किया गया था और सरकार को अपनी बातों से अवगत कराना चाहा गया था.
सरकार का आश्वासन, धरातल पर नहीं दिखा असर
इन विवादों के बीच सरकार की तरफ से यह फैसला आया था कि अब फ्लाईओवर निर्माण कर रही एलएनटी कंपनी रैंप को पीछे करेगी. लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने लिया संज्ञान
इसी कड़ी में आज राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने रांची के सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप विवाद से जुड़े मुद्दे पर संज्ञान लिया है. इस संबंध में आयोग की सदस्य आशा लकड़ा ने आज सिरमटोली सरना स्थल का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से इस मुद्दे पर बातचीत की.
स्थानीय लोगों ने रखी अपनी बात
मौके पर राज्य की पूर्व मंत्री गीता श्री उरांव और बीजेपी की आरती कुजूर समेत बड़ी संख्या में सरना समाज के लोग और स्थानीय नागरिक मौजूद थे. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य को अपने बीच पाकर लोगों ने भी रैंप विवाद से जुड़े सभी पहलुओं को विस्तार से सामने रखा.
सरकार के साथ बैठक स्थगित
इस संबंध में आयोग की सदस्य आशा लकड़ा और राज्य सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली थी, जो अपरिहार्य कारणों से स्थगित हो गई.
"यह एक गंभीर मुद्दा है" – आशा लकड़ा
सरना स्थल पर पत्रकारों से बातचीत में आयोग की सदस्य आशा लकड़ा ने कहा कि यह काफी गंभीर मुद्दा है. आने वाले दो-तीन दिनों में इस मुद्दे पर राज्य सरकार से बातचीत होगी. आशा लकड़ा ने कहा कि सामान्य दिनों में जब लोगों को सरना स्थल आने-जाने में रैंप की वजह से दिक्कत हो रही है, तो सरहुल जैसे पर्व के दौरान बड़ी संख्या में लोग जुलूस में कैसे शामिल हो सकते हैं.
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