टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : मंईयां सम्मान योजना को लेकर सरकार सख्त है. फर्जी तरीके से लाभ उठा रही महिलाओं पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. इसी बीच सत्यापन के दौरान अजब-गजब अनिमितता सामने आ रही है. घोटालेबाज किसी न किसी तरह से ठगने की जुगत लगा ही लेते है. कभी महिला के नाम पर पुरुष योजना का लाभ उठाते है तो कभी योजना का फर्जी तरीके से लाभ लेने का मामला सामने आता है. ऐसे में ही ताजा मामला जमशेदपुर के पोटका प्रखंड से जुड़े एक पंचायत में मंईय़ां सम्मान की राशि गबन करने का आया है, जहां मुस्लिम महिलाओँ के नाम पर मंईय़ां सम्मान की राशि ली जा रही थी. जबकि उस पंचायत में एक भी मुस्लिम परिवार ही नहीं रहता है. इतना ही नहीं उन्हीं महिलाओं में से एक पुरुष भी योजना का लाभ उठा रहा था.

प्रशासन ने जब इसका सत्यापन किया तो इसका खुलासा हुआ. योजना के लाभार्थियों की सूची में 15 मुस्लिम महिलाओं के नाम दिखे. क्रमांक 342 से 358 तक सिर्फ मुस्लिम महिलाओं के नाम दर्ज थे. आश्चर्य तब हुआ जब इन सभी के खाते स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में व्यवस्थित तरीके से खुलवाए गए. जानकारी के अनुसार जूडी गांव में कुल छह पंचायतें हैं, जिसमें जूडी, हाटा, पवारू, तिरिंग, नुआग्राम और चांपीडीह गांव शामिल हैं. इनमें से हाटा गांव में सिर्फ एक मुस्लिम परिवार रहता है. अन्य किसी गांव में कोई परिवार नहीं है.

सवाल यह है कि मंईयां सम्मान योजना की राशि लूटने का इतना बड़ा प्रयास किसने किया और वह कौन चालबाज है जिसने सरकारी राशि को अपनी जेब में रखने के लिए ऐसी चाल चली. जरूरी है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जो मुफ्त में सरकारी राशि लूटना चाहते हैं. इनके कारण पात्र और वंचित लोगों के अधिकारों का हनन होता है.