टीएनपी डेस्क(TNP DESK): टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और प्रमुख व्यवसायी साइरस मिस्त्री की कार दुर्घटना में मौत हो गई थी. मौत के बाद कार में बैठे व्यक्तियों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि साइरस मिस्त्री मर्सिडीज-बेंज एसयूवी में बैठे थे. मर्सिडीज की गाड़ियां काफी महंगी आती है और उनमें बैठे व्यक्तियों की सुरक्षा का भरपूर दावा भी किया जाता है. ऐसे में सुरक्षित मानी जानी वाली गाड़ी के एक्सीडेंट में किसी की मौत होने से सवाल उठने तो लाजिमी है. मगर, इस मामले की जांच कर रहे सात सदस्यीय फोरेंसिक टीम ने जो निष्कर्ष निकाला है, वो कुछ और बयां कर रहा है.
पूल की गलत डिजाइन के कारण हुआ दुर्घटना
दरअसल, इस सड़क दुर्घटना की जांच कर रही फोरेंसिक टीम ने निष्कर्ष निकाला है कि मर्सिडीज-बेंज एसयूवी पूल की गलत डिजाइन के कारण दुर्घटना का शिकार हुई. लेकिन मौत इसलिए हुई क्योंकि पीछे वाले सीट पर बैठे साइरस मिस्त्री ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी. इसके अलावा टीम ने निष्कर्ष निकाला है कि दुर्घटना के दौरान कार में तैनात सुरक्षा सुविधाओं ने अपना काम किया. दुर्घटना होने पर एयरबैग में मूवमेंट किया था.
बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस और राज्य परिवहन विभाग द्वारा कमीशन इस फोरेंसिक टीम ने निष्कर्ष निकाला कि कार अधिक गति से चल रही थी. हालांकि अभी कार की सटीक स्पीड का पता लगाने के लिए सॉफ्टवेयर सिमुलेशन और मॉडलिंग किया जा रहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार उन्हें टीम के एक सूत्र की ओर से बताया गया कि हमने निष्कर्ष निकाला है कि एक बुनियादी ढांचे के कारण दुर्घटना हुई. पूल की पैरापेट की दीवार शोल्डर लेन में उभरी हुई पाई गई. डिजाइन दोषपूर्ण पाया गया है. डिजाइन में गड़बड़ी थी.
बता दें कि सेव लाइफ फाउंडेशन द्वारा कमीशन इस क्रैश जांच की फोरेंसिक टीम में सभी अनुभवी पेशेवर हैं. इसमें IIT खड़गपुर के दो मैकेनिकल और सिविल इंजीनियर जो PHD हैं और एक सदस्य शामिल हैं जो सिमुलेशन और मॉडलिंग में माहिर है.
तेज स्पीड में थी कार
इसमें आगे बताया गया कि कार की स्थिति और घातक चोटें स्पष्ट रूप से निष्कर्ष निकालती हैं कि वाहन तेज गति से चल रहा था. टीम ने ये भी बताया कि उन्होंने कैसे निष्कर्ष निकाला कि दुर्घटना के समय साइरस और अन्य मृतक जहांगीर पंडोले ने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी? इस बारे में बताया गया कि हमने उन परिणामों की पुष्टि की है जो यह निष्कर्ष निकालते हैं कि उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहनी हुई थी. यदि दुर्घटना के समय सीट बेल्ट बांधी गई होती तो उन पर खरोंच के निशान (मामूली खरोंच) होते. हमने पाया कि सीट बेल्ट सही स्थिति में थी और वे अपनी सामान्य स्थिति में थे. इससे ये साबित होता है कि उन लोगों ने सीट बेल्ट नहीं बांधी थी.
FSL कलिना की टीम भी कर रही जांच
सेव लाइफ फाउंडेशन की जांच के अलावा, FSL(फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरीज), कलिना की एक टीम भी दुर्घटना की जांच कर रही है. एयरबैग की तैनाती के बारे में पूछे जाने पर सूत्र ने TOI से कहा कि चूंकि यह सामने का प्रभाव था, इसलिए आगे के एयरबैग खुल गए. यहां तक कि दाहिनी ओर पर्दे के एयरबैग ने भी काम करना शुरू कर दिया था. ऐसा लगता है कि सुरक्षा सुविधाओं ने अपना काम कर दिया था, लेकिन चूंकि ये हुई कि पीछे की सीट पर बैठने वालों ने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी. इसलिए उन्हें तेज गति और वजन ने सीट से आगे फेंक दिया. जिससे वे छत और अन्य क्षेत्रों से टकराए जिससे उन्हें घातक चोटें आईं. टीम मर्सिडीज इंडिया के अधिकारियों के भी संपर्क में है क्योंकि वे रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं जो जल्द ही सरकार को सौंप दी जाएगी.
बता दें कि टाटा संस के पूर्व चेयरमैन भारतीय मूल के आयरिश बिजनेसमैन साइरस मिस्त्री का सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था. वह अहमदाबाद से मर्सिडीज कार से मुंबई लौट रहे थे. बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के पालघर के पास उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई, जिससे उनकी मौत हो गई. मिली जानकारी के अनुसार साइरस मिस्त्री और चार अन्य लोग पालघर की ओर जा रहे थे.
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