धनबाद (DHANBAD) : बिहार के चुनाव में महागठबंधन की रणनीति भी समय के अनुसार बदल रही है. कांग्रेस अभी तक तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम फेस स्वीकार नहीं किया है. इसके पीछे कई वजह है. सबसे बड़ा कारण तो राजनीतिक पंडित बताते हैं कि कांग्रेस के पास यही एक "तुरूप  का पत्ता" है, जिससे वह अधिक सीट पाने  में प्रयोग कर सकती है. अगर कांग्रेस तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित कर दिया तो फिर यह बात पूरी तरह से साफ हो जाएगी कि कांग्रेस बिहार में राजद  का पिछलग्गू पार्टी है. यह बात तो सच है कि बिहार में कांग्रेस का जन आधार सिमटा हुआ है.  

कांग्रेस दूर की कौड़ी का खेल खेल रही है 

अगर अभी ही कांग्रेस तेजस्वी यादव के सीएम फेस पर हामी भर दी, तो सीटों पर सौदेबाजी उसकी कमजोर हो जाएगी और कांग्रेस इससे बचना चाहती है. इधर, मंगलवार को विपक्षी गठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेता मुकेश सहनी के बयान के बाद हलचल और तेज हो गई है.सुपौल में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कह दिया कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने का फैसला सिर्फ राहुल गांधी नहीं ले सकते है. उल्लेखनीय है कि पूर्णिया में महागठबंधन की प्रेस वार्ता में राजद नेता तेजस्वी यादव को सीएम फेस बनाने के सवाल को कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने टाल दिया था. इसके बाद चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था. सत्ताधारी भाजपा और एनडीए  के नेताओं ने भी इसे मुद्दा बना दिया था.  

मुकेश सहनी ने भी बढ़ा दी तेजश्वी यादव का टेंशन 

सूत्रों के अनुसार बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने मंगलवार को सुपौल में कहा कि सिर्फ राहुल गांधी निर्णय नहीं लेंगे कि तेजस्वी यादव सीएम बनेंगे, बल्कि सभी दल मिलकर इस पर फैसला करेंगे. यानी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव तो वह लड़ेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा गठबंधन के स्तर पर तय होगा. बता दें कि बिहार में अभी वोटर अधिकार यात्रा चल रही है. राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी एवं महागठबंधन के अन्य नेताओं के साथ यात्रा चल रही है. आज तो प्रियंका गांधी भी यात्रा में शामिल हुई. 24 अगस्त को यह यात्रा पूर्णिया पहुंची थी. यहां राहुल गांधी से एक पत्रकार ने पूछा कि सीएम कैंडिडेट घोषित करने के बारे में क्या कहना है आपका.  जिस पर राहुल गांधी गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि बहुत अच्छी तरीके से गठबंधन चल रहा है. सभी पार्टियां  मिलजुल कर काम कर रही है. आपस में कोई विवाद नहीं है.  हमारा मकसद वोट चोरी रोकना है. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो