टीएनपी डेस्क(TNP DESK): मणिपुर में जदयू के पांच विधायकों के सत्ताधारी पार्टी बीजेपी में शामिल होने के मामले ने देश की सियासत को गर्म कर दिया है. इसे लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने घोषणा की है कि पार्टी उच्च न्यायालय जाएगी क्योंकि पांचों जद(यू) विधायकों का बीजेपी में विलय संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधान का उल्लंघन है.

इस बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. दूसरी ओर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ए. शारदा जद(यू) के पांचों पूर्व विधायकों के साथ इंफाल से शनिवार को नई दिल्ली के लिए रवाना हुए, जहां भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और कुछ अन्य लोगों द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत करने की उम्मीद है.

पांच विधायकों ने थामा बीजेपी का दामन

देर रात के राजनीतिक विकास में, जद(यू) के पांच विधायक (खुमुक्कम जॉयकिशन, नगुरसंगलोर सनाटा, अशब उद्दीन, थंगजाम अरुणकुमार और एल.एम. खौटे) सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे. मणिपुर विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि विलय संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत किया गया है.

इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, राज्य जद(यू) के अध्यक्ष क्षेत्रमयुम बीरेन ने कहा कि चूंकि यह 10वीं अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन है, इसलिए पार्टी इन पांच विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए उच्च न्यायालय जाएगी. मोहम्मद अब्दुल नासिर जद(यू) के अकेले विधायक हैं जो पार्टी में बचे हैं. वह भी दिल्ली पहुंचे हैं और सभी को उनके रुख की घोषणा का इंतजार है.

ये है मामला

बताया जा रहा है कि ऐसे संकेत मिले थे कि जद(यू) द्वारा बिहार में बीजेपी से समर्थन वापस लेने के बाद, जद(यू) के छह विधायक मणिपुर में भी भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के साथ अपने संबंध तोड़ सकते हैं. इसके बाद इन विधायकों को बीजेपी में शामिल किया गया है. पिछले विधानसभा चुनाव में जद(यू) ने 38 उम्मीदवार खड़े किए थे लेकिन छह सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं भाजपा ने 60 सदस्यीय सदन में 32 सीटें जीती थीं. पराजित विपक्षी कांग्रेस को सिर्फ पांच सीटें मिलीं थी.