टीएनपी डेस्क(TNP DESK): 2 सितंबर हम भारतीयों के लिए खास है. हम अपनी ताकतवर सेना पर गर्व करने का एक खास दिन है. हमारी जल थल और वायु क्षेत्र के सुरक्षा दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. यह दिन आज इस कड़ी में इतिहास बन रहा है. आई एन एस विक्रांत भारत की समुद्री सीमा में देश की रक्षा के लिए तैनात है. पूर्ण स्वदेशी उपकरणों से यह विमान वाहक युद्धपोत तैयार किया गया है. भारतीय नौसेना के लिए यह सबसे बड़ा विमान वाहक पोत है. भारत के समुद्री इतिहास का यह सबसे बड़ा नौसैनिक युद्धपोत है. इसके बारे में जानने से हर भारतीय को गुरुर आ जाएगा.भारत अब इस स्थिति में है कि वह अपने सैन्य साजो सामान अपने देश में तैयार किए गए उपकरण से बनाता है. आई एन एस विक्रांत भारत का सबसे बड़ा है. विमान वाहक युद्धपोत है. इसमें अत्याधुनिक स्वचालित उपकरण लगाए गए हैं.हमारी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है.

जलावतरण के शुभ अवसर पर कई विशिष्ट लोग होंगे शामिल 

आई एन एस विक्रांत पर 23000 करोड़ रुपए का खर्च आया है. अत्याधुनिक युद्धपोत की लंबाई 262 मीटर है. इसकी चौड़ाई 62 मीटर है और यह 59 मीटर ऊंचा है. भारत आज इस स्थिति में है कि वह कई देशों को युद्धपोत बनाकर दे सकता है. जलावतरण के शुभ अवसर पर कई विशिष्ट लोग शामिल होंगे. प्रधानमंत्री इसके लिए देशवासियों को बधाई दे रहे हैं.