टीएनपी डेस्क(TNP DESK): पिछले पांच वर्षों में रक्षा निर्यात में भारत ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है. रक्षा निर्यात में 334 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके साथ ही भारत अपने सहयोगात्मक प्रयासों के कारण 75 से अधिक देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है.

प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने एक ट्वीट में कहा कि भारतीय रक्षा क्षेत्र, दूसरा सबसे बड़ा सशस्त्र बल क्रांति के कगार पर है. पिछले पांच वर्षों में रक्षा निर्यात में 334 प्रतिशत की वृद्धि हुई, भारत अब सहयोगी प्रयासों के कारण 75 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है.

आईएएनएस विक्रांत के साथ कई सैन्य हथियारों का जिक्र

पीआईबी इंडिया के ट्विटर हैंडल ने ट्वीट के साथ संलग्न पोस्टर में कुछ डेटा भी साझा किया, जो रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण और उत्पादन में हुए बढ़ावा को दर्शाता है. इसमें हाल ही में कोच्चि में भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के चालू होने का भी उल्लेख किया है. इसके साथ स्वदेशी उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर एमके-III के स्क्वाड्रन को भारतीय तटरक्षक बल में शामिल किए जाने और नई पीढ़ी की परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि पी' के सफल परीक्षण के बारे में भी उल्लेख किया गया है.

रक्षा सचिव अजय कुमार ने गुरुवार को एक बातचीत के दौरान कहा था कि रक्षा क्षेत्र में समग्र रूप से मेक-इन-इंडिया पहल की "ऊर्जा को उजागर" करने के प्रयास किए जा रहे हैं और यह देश की अमृत काल विज़न है, जिसमें  रक्षा उत्पादन में विश्व स्तर पर शीर्ष पांच देशों में भारत को देखा जा रहा है. उन्होंने कहा था कि पिछले 75 वर्षों में भारत दुनिया में रक्षा उत्पादों के सबसे बड़े आयातकों में से एक बना हुआ है और यही वह स्थिति है जिसे सरकार बदलना चाहती है.