टीएनपी डेस्क(TNP DESK): देश के नए अटॉर्नी जनरल के रूप में मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) को नियुक्त किया गया है. उनका कार्यकाल एक अक्टूबर से शुरू होगा. यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा. बता दें कि मौजूदा अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल (KK Venugopal)  की सेवा 30 जून को ही समाप्त हो रही थी, लेकिन उनका सेवा विस्तार किया गया था.

पहला कार्यकाल कब तक था
मुकुल रोहतगी का यह दूसरा कार्यकाल है. इससे पहले वो जून 2014 में भी अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किए गए थे. उन्होंने जून 2017 तक सेवा दी थी. उनका दूसरा कार्यकाल एक अक्टूबर 2022 से शुरू होगा.

जानें क्या है अटॉर्नी जनरल का पद?
अटॉर्नी जनरल केंद्र सरकार के लिए देश के सबसे शीर्ष कानून अधिकारी और मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं. जो सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण मामलों में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं.

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कौन हैं मुकुल रोहतगी
मुकुल रहतोगी सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील (Mukul Ratogi Senior Advocate of Supreme Court) हैं. इससे पहले वह साल 2014 से साल 2017 तक देश के अटॉर्नी जनरल थे. इसके अलावा 66 वर्षीय मुकुल रोहतगी साल 2011 से साल 2014 तक एडिशन सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) भी रह चुके हैं. इसके अलावा दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली(Arun Jaitley) से उनकी अच्छी दोस्ती थी.

मुकुल रोहतगी के चर्चित केस
मुकुल रोहतगी अधिवक्ता के तौर पर कई महत्वपूर्ण मामलों में पैरवी कर चुके हैं. साल 2002 में हुए गुजरात दंगे में वह गुजरात सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए थे. इसके अलावा उनके कुछ चर्चित केस बेस्ट बेकरी केस, जाहिरा शेख मामला, योगेश गौड़ा मर्डर केस और जज बीएच लोया केस है.

असिस्टेंट के तौर पर की थी शुरुआत
मुकुल रोहतगी अपने पिता के पदचिह्नों पर चल रहे हैं. उनके पिता अवध बिहारी रोहतगी दिल्ली हाईकोर्ट में जज थे. मुंबई के गवर्मेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की थी. लॉ करने के बाद वह मशहूर वकील योगेश कुमार सभरवाल के साथ असिस्टेंट के तौर पर करियर की शुरुआत की. साल 1999 में वह एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बने. उनकी पत्नी वसुधा रोहतगी भी पेशे से वकील हैं.